प्रदर्शनकारियों ने डीएईएन बाबूलाल वर्मा और जेईएन नंदलाल मुवाल को सड़क पर बिठाकर उनसे राम दरबार की प्रतिमा को तोड़ने का कारण पूछा. एईएन ने सड़क के चौड़ीकरण की बात करने हुए हाथ जोड़कर माफी मांगी.

राजस्थान में रामदरबार को बुलडोजर से तोड़ने का वीडियो वायरल हुआ, तो बड़ा सियासी घमासान मच गया. बीजेपी ने इस मुद्दे पर गहलोत सरकार पर तीखा हमला किया है. रात के घुप अंधेरे में राजस्थान के सुजानगढ़, चुरु में रामदरबार को गिराने की कार्रवाई की गई. पीडब्यूडी ने जेसीबी से रामदबार के गेट को ध्वस्थ कर दिया. लेकिन एंट्री गेट पर लगी राम दरबार की मूर्ति तोड़ने का वीडियो वायरल होते ही सियासी बवाल शुरू हो गया. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिंदू कार्यकर्ताओं ने सुजानगढ़-सालासर रोड जाम कर विरोध प्रदर्शन किया डेढ़ घंटे तक लगा जाम रात पौने आठ बजे खुल पाया.
धरने के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. सड़क के दोनों तरफ लंबा जाम लग गया. इसकी वजह से कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गई. लंबे जाम से निपटने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. हिंदू कार्यकर्ताओं की मांग थी कि सीनियर अधिकारियों को मौके पर बुलाया जाए.
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार डीएईएन बाबूलाल वर्मा और जेईएन नंदलाल मुवाल को सड़क पर बिठाकर उनसे राम दरबार की प्रतिमा को तोड़ने का कारण पूछा गया. एईएन ने सड़क के चौड़ीकरण की बात करने हुए हाथ जोड़कर माफी मांगी. एईएन ने आश्वसन दिया कि सड़क का काम पूरा होने के बाद जो प्रवेश द्वार बनाया जाएगा, उसमें राम दरबार की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. हालांकि उन्होंने इसे लिखित में देने से इनकार कर दिया.
बीजेपी ने बोला हमला
राजस्थान बीजेपी ने घटना का वीडियो ट्वीट किया और कहा कि सुजानगढ़ में गहलोत सरकार की “निशाचरी करतूत”! अंधेरी रात में भगवान राम और उनके दरबार की मूर्तियों पर गहलोत सरकार ने चलाया बुलडोजर. गहलोत जी, नहीं भूलेंगे हम. वहीं बीजेपी नेता दिया कुमारी ने इसे लेकर गहलोत सरकार की निंदा की और कहा कि राजस्थान कांग्रेस सरकार के कुशासन में चुरू जिले के सुजानगढ़ में बुलडोजर से भगवान श्रीराम और रामदरबार की मूर्तियाों को अपमानपूर्वक गिराया. इससे करोड़ो नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कृत्य शर्मनाक है