पुलिस ने बिना समय गवाए मौके पर पहुंचकर नाव से काम कर रहे मजदूरों के सहयोग से बुजुर्ग को लगभग 18 घंटे बाद गंगा नदी से बाहर निकालने में कामयाब हुए. स्थानीय लोगों ने उसके खाने-पीने की व्यवस्था करके 108 एम्बुलेंस बुलाई.

जाको राखे साइयां मार सके ना कोई. कुछ ऐसा ही आज गाजीपुर में बहने वाली गंगा नदी में देखने को मिला है. होली के दिन शाम करीब 6 बजे पारिवारिक कलह से परेशान एक वृद्ध ने गंगा में छलांग लगा दी थी. लेकिन जब वह गंगा नदी में गिरा तब उसे मौत से डर लगने लगा. उसी वक्त उसे पिलर में लगा सरिया पकड़ में आ गया. उसी सरिया के सहारे करीब 18 घंटे गंगा नदी में पडा रहा. आज दोपहर जब मल्लाहों और स्थानीय लोगों देखा तब वृद्ध को नाव के माध्यम से नदी से बाहर निकाला. उसके बताने पर उसके परिजनों को बुलाया गया और फिर ब्रिज अपने परिजनों के साथ घर चला गया.
कोतवाली के अंतर्गत रजागंज चौकी के पास गंगा ब्रिज से होली के दिन शाम लगभग 6 बजे एक अज्ञात 65 वर्षीय वृद्ध ने गंगा ब्रिज से छलांग लगा दी थी. इसकी जानकारी उस दिन किसी को नहीं हो सकी. शनिवार को करीब साढ़े 12 बजे ब्रिज पर काम कर रहे मजदूरों की नजर उस अज्ञात वृद्ध व्यक्ति पर पड़ी. व्यक्ति जिंदा था और पुल के पिलर में निकले छड़ को पकड़कर खड़ा था. मजदूरों द्वारा इसकी जानकारी रजागंज चौकी के कांस्टेबल रोहित सिंह को दी गई.
18 घंटे बाद किया गया रेस्क्यू
पुलिस ने बिना समय गवाए मौके पर पहुंचकर नाव से काम कर रहे मजदूरों के सहयोग से बुजुर्ग को लगभग 18 घंटे बाद गंगा नदी से बाहर निकालने में कामयाब हुए. स्थानीय लोगों ने उसके खाने-पीने की व्यवस्था करके 108 एम्बुलेंस बुलाई. पूछे जाने पर उस व्यक्ति ने अपना नाम-परदेशी खरवार, पता दिलदारनगर बताया. खरवार के अनुसार परिवारिक कलह से वह परेशान था.
वृद्ध परदेशी से उनके घर की जानकारी लेकर परिवार वालो को सूचना देकर मौके पर बुलाया गया. फिर लोगो ने वृद्ध परदेशी को नीचे घाट से ऊपर गंगा ब्रिज पर ले आए. परदेशी के लड़का सुनील अपने एक सहयोगी के साथ मौके पर पहुंचा दोनों लोगों को आपस में समझा बुझाकर बुजुर्ग को सुनील के साथ उनके घर भेज दिया गया. फिलहाल वृद्ध परदेशी बिल्कुल स्वस्थ है.
बुजुर्ग पहले भी कर चुका है आत्महत्या की कोशिश
वृद्ध को गंगा से बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले समाजसेवी कुंवर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जब उन्हें वृद्ध को गंगा में सरिया के सहारे पिछले 18 घंटे से मौत को हराने के बाद भी जिंदा बचने की जानकारी मिली. तो अपने आप को रोक नहीं सके और कांस्टेबल रोहित सिंह के साथ मौके पर पहुंचे. नाविकों की मदद से बुजुर्ग को बचाने में कामयाब रहे. इस दौरान उनके बारे में जानकारी ली और उसी जानकारी के आधार पर उनके परिजनों को बुलाया. तब पता चला वृद्ध परदेसी ने पारिवारिक कलह की वजह से जान देने का प्रयास किया था. इसके पहले भी उसने एक बार जहर खाकर जान देने का प्रयास किया था. लेकिन उसमें भी वो बच गया था.