हालांकि मनीष सिसोदिया ने इस फैसले का कोई विरोध नहीं किया, बल्कि इसकी सराहना की है. उन्होंने कहा कि, मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं ये एक अच्छा फैसला है.

गुजरात सरकार द्वारा इस बात पर फैसला लेने के बाद कि वह कक्षा 6-12 के लिए भगवद गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करेगी, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से इस निर्णय के पीछे नेताओं पर तंज कसते हुए घोषणा की कि उनके कर्म रावण की तरह हैं और वे गीता के बारे में बात करते हैं.
‘पहले गीता के मूल्यों का अभ्यास करने की आवश्यकता है’
मनीष सिसोदिया, जो दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह एक महान कदम है, लेकिन जो लोग इसे पेश कर रहे हैं उन्हें पहले गीता के मूल्यों का अभ्यास करने की आवश्यकता है. उनके कर्म रावण की तरह हैं और वे गीता के बारे में बात करते हैं. आपको बता दें कि गुरुवार को, गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा कि गीता शैक्षणिक वर्ष 2022/23 से कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाएगी.
कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्रों को भगवद गीता का ‘गहरा परिचय’
जीतू वघानी ने कहा, “श्रीमद्भगवत गीता के मूल्यों, सिद्धांतों और महत्व को सभी धर्मों के लोगों ने स्वीकार किया है, कक्षा 6 में श्रीमद्भगवद् गीता को इस तरह से पेश किया जाएगा कि छात्रों में इसमें रुचि पैदा हो. भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा जारी एक परिपत्र में बताया गया है कि भगवद गीता को पाठ्य पुस्तकों में कहानियों और पाठ के रूप में पेश किया जाएगा. इसने आगे कहा कि कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्रों को भगवद गीता का ‘गहरा परिचय’ दिया जाएगा.