ड्रोन को ‘कामिकेज ड्रोन’ का नाम दिया गया है. ये ड्रोन रूसी वाहनों और यूनिट्स पर हमले का विस्तार कर सकता है. इसके जरिए उन यूनिट्स को टारगेट किया जा सकता है, जो नजर से दूर हैं. इससे यूक्रेन को हीट-सीकिंग रूसी मिसाइलों से निपटने में मदद मिलती है.

अमेरिका ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन को लॉन्ग रेंज मिसाइल डिफेंस और स्विचब्लेड आर्म्ड ड्रोन दिए जाएंगे. इसके जरिए यूक्रेन की सेना दूर से ही रूसी विमानों और मिसाइलों के खिलाफ खुद का बेहतर बचाव कर सकेगी. यूक्रेन के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नए हथियारों और उपकरणों की घोषणा की है. यूक्रेन के पास रूसी विमानों और क्रूज मिसाइलों को अपेक्षाकृत करीब से मार गिराने की क्षमता है. लेकिन अमेरिका मिसाइलों को गिराने के लिए ऐसे सिस्टम की व्यवस्था कर रहा है, जो बहुत दूर से ही मिसाइलों और विमानों को मार गिराए.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक सैन्य स्रोत ने बताया कि यूक्रेन को दिया जाने वाला मिसाइल डिफेंस सिस्टम सोवियत/रूसी निर्मित S-300 है. ये अमेरिका में बने पैट्रियट सिस्टम की तरह है. ये सिस्टम पूरी तरह से ऑटोमैटेड, जमीन-आधारित रडार-और-मिसाइल लॉन्चर यूनिट है. इसकी खासियत ये है कि ये मिसाइलों और वाहनों को ट्रैक कर सकता है और दूर से ही खतरा महसूस होने पर उन पर हमला कर सकता है. यूक्रेन के सैनिक पहले से ही जानते हैं कि S-300 को कैसे ऑपरेट किया जाता है. अमेरिका और कई नाटो देशों के पास यूक्रेन को S-300 की सप्लाई करने के लिए सिस्टम और जरूरी उपकरण मौजूद हैं.
क्या है स्विचब्लेड ड्रोन की खासियत
अमेरिका यूक्रेन को 100 स्विचब्लेड ड्रोन भी दे रहा है. ये ड्रोन कैमरे से लैस, रिमोट-कंट्रोल उड़ने वाले बम की तरह हैं. इसे एक ऑपरेटर द्वारा कंट्रोल किया जाता है, जो कैमरे की मदद से टार्गेट का पता लगाता है, जिसके बाद पूरी तरह से तैयार होने पर टारगेट पर ले जाकर गिरा देता है. इससे एक बम की तरह धमाका होता है. ड्रोन को ‘कामिकेज ड्रोन’ का नाम दिया गया है. ये ड्रोन रूसी वाहनों और यूनिट्स पर हमले का विस्तार कर सकता है. इसके जरिए उन यूनिट्स को टारगेट किया जा सकता है, जो नजर से दूर हैं. इससे यूक्रेन को हीट-सीकिंग रूसी मिसाइलों से निपटने में मदद मिलती है. अमेरिका 800 स्टिंगर्स मिसाइल भी दे रहा है.
यूक्रेन को दिए गए हैं बड़ी संख्या में हथियार
अमेरिका ने 1990 में अफगान लड़ाकों को भी स्टिंगर्स मिसाइलें दी थीं. इसके जरिए उन्होंने रूसी हेलिकॉप्टरों को मार गिराया था. यूक्रेन ने भी रूस के हेलिकॉप्टर और अन्य विमानों के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया है. पश्चिमी मुल्कों ने पहले से ही यूक्रेन की सेना को 17,000 हल्के, कंधे से लॉन्च होने वाली सेल्फ-गाइडेड मिसाइलें प्रदान की हैं. इसका इस्तेमाल बख्तरबंद वाहनों को नजदीक से नष्ट करने के लिए बड़े प्रभाव से किया जा रहा है. रूस-यूक्रेन के बीच पिछले महीने से ही युद्ध चल रहा है. अभी तक इस युद्ध की वजह से लाखों लोगों को यूक्रेन छोड़कर जाना पड़ा है.