इस प्रस्ताव में रूस ने यूक्रेन पर हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। मंगलवार को पेश किये गए इस प्रस्ताव में खराब होती मानवीय स्थिति और यूक्रेन के भीतर तथा बाहर लोगों की मौत पर चिंता जताई गई है।

रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें यूक्रेन में ‘खतरे वाली स्थिति’ में फंसे आम लोगों की सुरक्षा तथा मानवीय सहायता एवं देश छोड़कर जा रहे लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग की मांग की गई है. हालांकि, इस प्रस्ताव में रूस ने यूक्रेन पर हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. मंगलवार को पेश किए गए इस प्रस्ताव में खराब होती मानवीय स्थिति और यूक्रेन के भीतर तथा बाहर लोगों की मौत पर चिंता जताई गई है. एक रूसी राजनयिक के अनुसार बुधवार को इस प्रस्ताव पर मत-विभाजन हो सकता है.
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति के एक वरिष्ठ सहयोगी का कहना है कि रूस ने संभावित समाधान को लेकर वार्ता में अपना रुख नरम किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की के वरिष्ठ अधिकारी (डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ) इहोर झोव्कवा ने मंगलवार को कहा कि रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधियों के बीच बातचीत ‘अधिक रचनात्मक’ हो गई है. उन्होंने कहा कि रूस ने अपना सुर बदला है और उसने यूक्रेन से आत्मसमर्पण करने की मांग करना बंद कर दिया है.
रूस यूक्रेन से शुरू से ही करता रहा है आत्मसमर्पण की मांग
रूस वार्ता के शुरू में (आत्मसमर्पण की) इस मांग पर जोर देता रहा है. इस महीने बेलारूस में तीन दौर की वार्ता के बाद रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच वीडियो कॉल हुई. झोव्कवा ने कहा कि वार्ता के बाद यूक्रेनी प्रतिनिधियों को समाधान निकलने की कुछ उम्मीद है. उन्होंने कहा कि जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए बड़ी प्रगति करने के लिए मिलना आवश्यक होगा.
‘यूरोप की परिषद रूस पर दबाव बनाने का एक साधन बन गई है’
रूसी विदेश मंत्रालय का कहना है कि मॉस्को यूरोप की परिषद से हट रहा है. मंत्रालय ने कहा कि उसने महाद्वीप के प्रमुख मानवाधिकार संगठन को छोड़ने के रूस के फैसले के बारे में औपचारिक नोटिस मंगलवार को यूरोप की परिषद के महासचिव मारिजा पेजसिनोविक बुरिक को सौंप दिया. इसने कहा कि यह कदम यूरोप की परिषद के रूस की सदस्यता को निलंबित करने के 25 फरवरी के फैसले के बाद उठाया गया. मंत्रालय ने आरोप लगाया कि यूरोप की परिषद रूस पर दबाव बनाने का एक साधन बन गई है. उसने आरोप लगाया कि यह उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय संघ से काफी प्रभावित है.