पिछले हफ्ते 2,070.44 डॉलर को छूने के बाद हाजिर सोना 0.4 फीसदी घटकर 1,943.09 डॉलर प्रति औंस रह गया.

घरेलू बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट जारी है. मंगलवार को कीमती धातुओं में 0.50 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर अप्रैल वायदा सोने का भाव 1.31 फीसदी प्रति 10 ग्राम टूट गया. जबकि मई वायदा चांकी की कीमत1.30 फीसदी गिर गई. आपको बता दें कि भारत में बिकवाली के मौजूदा दौर से पहले पिछले हफ्ते सोना उछलकर 55,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था. पिछले हफ्ते 2,070.44 डॉलर को छूने के बाद हाजिर सोना 0.4 फीसदी घटकर 1,943.09 डॉलर प्रति औंस रह गया.
वैश्विक बाजारों में सोने पर दबाव था क्योंकि फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले बॉन्ड यील्ड चढ़ गया था. फेड बैठक में पॉलिसी बनाने वाले ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं. रूस के यूक्रेन पर हमले और उच्च मुद्रास्फीति के कारण पिछले हफ्ते सोना ऑलटाइम हाई के करीब पहुंच गया था. महंगाई दर में बढ़ोतरी से सेफ हेवन की मांग को बढ़ावा मिला था.
सोने और चांदी की नई कीमतें
मंगलवार को एमसीएक्स पर अप्रैल वायदा सोने का दाम 684 रुपये या 1.25 फीसदी गिरकर 51,620 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. वहीं मई वायदा चांदी की कीमत में बड़ी गिरावट आई और यह 893 रुपये टूटकर 67,951 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई.
वैश्विक इक्विटी बाजारों में तेजी आई से बुलियन पर भी दबाव पड़ा. यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की दो दिवसीय नीति बैठक आज से शुरू हो रही है और बाजार की सहमति यह है कि यूएस फेड इस बैठक में ब्याज दरें बढ़ा सकता है.
15 मार्च को एक किलोग्राम चांदी की कीमत चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद को छोड़कर सभी प्रमुख शहरों-दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में 69,000 रुपये है, जहां यह 72,800 रुपये प्रति किलोग्राम थी। एक ग्राम 22 कैरेट सोना आज सुबह 4,760 रुपये पर था जबकि आठ ग्राम सोने की कीमत 38,080 रुपये होगी। दस ग्राम कीमती धातु की कीमत 47,600 रुपये और 100 ग्राम की कीमत 4,76,000 रुपये होगी। राज्यों द्वारा लगाए गए करों, उत्पाद शुल्क और अलग-अलग मेकिंग चार्ज के कारण देश भर में सोने के आभूषणों की दरें अलग-अलग हैं। वर्षों से, चमकदार पीली धातु मुद्रास्फीति के खिलाफ एक अच्छा दांव रही है और निवेशकों ने इसे एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में देखा है। भारत में चांदी की कीमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में बदलाव से निर्धारित होती है; यह डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी निर्भर करता है। यदि रुपया अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्ष के मुकाबले गिरता है और कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिर रहती हैं, तो चांदी महंगी हो जाती है।