असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के नेता फरहान अहमद ने कहा कि सपा ने साजिश के तहत भाजपा को हराने के लिए मुस्लिमों का वोट लिया, जबकि यादवों ने मुस्लिमों को वोट नहीं दिया। सच सबके सामने है और मुसलमान सपा को वोट नहीं देंगे।

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के नेता फरहान अहमद ने समाजवादी पार्टी और इसके मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि सपा का मुस्लिम प्रेम सिर्फ छलावा है। पार्टी ने भाजपा को हराने के नाम पर साजिश के तहत मुसलमानों का वोट लिया, जबकि यादवों ने मुसलमानों को वोट नहीं दिया।
फरहान ने अखिलेश पर आरोप लगाते हुए उन्हें भस्मासुर बता दिया। उन्होंने कहा कि वह भस्मासुर हैं, जिसके साथ जाते हैं, वह पार्टी खत्म हो जाती है। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का पत्ता साफ कर दिया। अब मुस्लिम उन्हें वोट नहीं देंगे। उन्होंने यह सोचकर वोट दिया था कि वह बीजेपी को हरा देंगे, लेकिन अब सच सबके सामने है। इनकी सात पीढ़ी भजापा को खत्म नहीं कर पाएगी। सपा को मुस्लिमों ने अंतिम मौका दिया था।
फरहान अहमद ने कहा, “अखिलेश यादव और उनकी आने वाली सात पीढ़ी भी भारतीय जनता पार्टी को खत्म नहीं कर पाएगी। इन्होंने कांग्रेस से गठबंधन की कांग्रेस खत्म हो गई। बसपा से गठबंधन की बसपा खत्म हो गई। फिर राजभर जी (ओम प्रकाश राजभर) और स्वामी प्रसाद मौर्य और बसपा के तमाम लोग टूटकर चले आए, जिनके सर पर भी हाथ रखा सब खत्म हो गए। अखिलेश यादव यूपी में भस्मासुर की भूमिका में है। वह उत्तर प्रदेश के भस्मासुर हैं। उन्हें आप भैयासुर उर्फ भस्मासुर कह सकते हैं।”
फरहान अहमद ने यह भी कहा, “मुस्लिम समाज ने जान लिया है कि अखिलेश यादव में हैसियत नहीं कि वह आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी को हटा सके। इसलिए अब म जब हमें अपना ही वोट देना है तो क्यों न हम अपने बैनर तले वोट दें। अपनी पार्टी एआईएमआईएम को दे। क्यों न अपने भाई असदुद्दीन ओवैसी को मजबूत करें।”
फरहान अहमद ने आगे कहा, “अच्छा हुआ एआईएमआईएम से सपा का गठबंधन नहीं हुआ। नहीं तो हम भी भस्म हो जाते। पार्लियामेंट और मेयर का चुनाव हम नहीं लड़ पाते। अखिलेश यादव जिस पार्टी पर हाथ रखते हैं वह खत्म हो जाती है। आखिरी विकल्प है अब वह अपने ऊपर हाथ रख लें और खत्म हो जाएं, ताकि भाजपा और एआईएमआईएम की सीधी लड़ाई रहे।”
फरहान अहमद ने यह भी कहा, “उत्तर प्रदेश में जितने भी यादव हैं उन्होंने मुसलमानों को वोट नहीं दिया है, केवल उनसे वोट लेने का काम किया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण फूलपुर मुस्तफा सिद्दकी चुनाव लड़े और वह हार गए, क्योंकि यादवों ने वोट नहीं दिया। इस तरह की 40 ऐसी सीटें हैं जहां यादवों ने मुस्लिमों को वोट नहीं दिया। ये अपना वोट मुसलमान को नहीं देते केवल उनसे वोट लेना चाहते हैं।”
फरहान ने कहा, “इसके साथ ही मुस्लिम समाज सोच रहा था कि वह अखिलेश यादव की रथयात्रा में शामिल है, लेकिन 10 मार्च को रिजल्ट आया तो पता चला कि ये रथयात्रा नहीं समाजवादी पार्टी की शव यात्रा थी। अब कोई भी मुस्लिम सपा को वोट देने के लिए तैयार नहीं है।”
फरहान ने आजम खान को नेता प्रतिपक्ष बानने की मांग करते हुए कहा, “खाली आजम खान जेल में रहें, उनकी पत्नी जेल में रहें और परिवार बर्बादी के कगार पर रहे। भारतीय जनता पार्टी वाले उनकी बोटी-बोटी करे। यही चाहते ही सपा या अखिलेष यादव। अगर वह मुस्लिमों के सच में हमदर्द हैं तो आजम खान को नेता प्रतिपक्ष बनाए, मगर नहीं उन्हें तो शिवपाल यादव को बनाना है।”