होली रंगों का पर्व है। इस दिन लोग एक- दूसरे को रंग लगाते हैं और प्यार से गले मिलते हैं। इस दिन लोग नाचते गाते हैं। लेकिन क्या आपकों पता है इस दिन लोग भांग भी पीते है।

होली का शुभ त्योहार पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस साल होली का त्योहार 18 मार्च को मनाया जाएगा. होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. हर साल इस दिन बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं, रंगों से खेलते हैं, नाचते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं. वहीं भांग के बिना होली का त्योहार अधूरा माना जाता है. इस दौरान भांग का सेवन भी किया जाता है. भांग का सेवन इस दिन लोग अलग-अलग तरीकों से करते हैं. इसमें भांग की लस्सी, भांग के पकोड़े, भांग की ठंडाई और भांग की गुजिया आदि शामिल है.
भांग का धार्मिक महत्व
ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जो विष निकला था वो शिव ने गले के नीचे नहीं उतरने दिया. ये विष बहुत गर्म था. इस कारण शिव को गर्मी लगने लगी. शिव कैलाश पर्वत चले गए. विष की गर्मी को कम करने के लिए शिव ने भांग का सेवन किया. भांग को ठंडा माना जाता है. इसके बाद से भगवान शिव को भांग बहुत पसंद हैं. भगवान शिव की पूजा के दौरान भांग का इस्तेमाल भी किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भांग के बिना शिव की पूजा अधूरी है. कहा जाता है कि शिव पूजा में भांग अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. भांग के साथ धतूरा और बेलपत्र भी अर्पित किया जाता है.
होली के दिन क्यों किया जाता है भांग का सेवन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली के दिन भगवान शिव और विष्णु की दोस्ती के प्रतीक के तौर पर भांग का सेवन करते हैं. दरअसल ऐसा माना जाता है कि भक्त प्रहलाद को मारने की कोशिश करने वाले हिरण्यकश्यप का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह का रूप लिया जाता है. लेकिन हिरण्यकश्यप का संहार करने के बाद वे क्रोधित थे. उन्हें शांत करने के लिए भगवान शिव ने शरभ अवतार लिया था. इसे भी एक कारण माना जाता है कि होली के दिन भांग का सेवन किया जाता है. प्रसाद के रूप में इसका सेवन किया जाता है. इसके अलावा कई अन्य कथाएं भी प्रचलित हैं.