एक जोरदार अपील होती है. आउट, नॉटआउट और नो बॉल का त्रिकोणीय कन्फ्यूजन उमड़ घुमड़ करता दिखता है. और, ये पूरा ड्रामा सिर्फ एक गेंद पर होता है

भारत-श्रीलंका के बीच पिंक बॉल टेस्ट अभी शुरू ही हुआ है. भारत टॉस जीतकर बल्लेबाजी कर रहा है. भारतीय पारी का दूसरा ओवर चल रहा था. लेकिन, तभी 22 गज के एरिया में कुछ ऐसा होता है, जिससे सभी हैरान रह जाते हैं. बल्लेबाज परेशान हो उठते हैं. कुछ सेकेंड के लिए चीजें अंपायर की समझ से बाहर हो जाती है. एक जोरदार अपील होती है. आउट, नॉटआउट और नो बॉल का त्रिकोणीय कन्फ्यूजन उमड़ घुमड़ करता दिखता है. और, ये पूरा ड्रामा सिर्फ एक गेंद पर होता है, जिसकी कीमत टीम इंडिया को चुकानी पड़ती है.
अब जरा जानिए कि हुआ क्या. तो ये पूरा माजरा दूसरे ओवर का है. विश्वा फर्नांडो के इस ओवर की चौथी गेंद बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के पैड पर लगती है. और फिर एक जोरदार अपील होती है. बात यहीं तक रहती तो ठीक थी. क्योंकि, अंपायर ने गेंद को नो बॉल बताकर मयंक अग्रवाल को नॉट आउट दे दिया था.
एक गेंद और ढेर सारा ड्रामा!
लेकिन, अगले ही पल पता चलता है कि वो नो बॉल पर भी आउट हैं. ऐसा उनके रनआउट होने से होता है. दरअसल, गेंद जब उनके पैड पर लगकर कुछ दूर जाती है तो मयंक लेग बाई रन के लिए दौड़ते हैं. लेकिन, उनका गणित फिट नहीं बैठता. इस मौके का फायदा उठाते हुए डिकवेला उन्हें रनआउट कर देते हैं. दरअसल, मयंक जहां रन नहीं था, वहां से चुराने की गलती कर रहे थे. मयंक आधी से ज्यादा पिच दौड़ गए. लेकिन रोहित ने हालात को भांपते हुए अपने कदम पीछे ले लिए. अब ऐसे में मयंक के पास पवेलियन लौटने के सिवा चारा नहीं था.
मयंक को ऐसे आउट होना नहीं भाया होगा
मयंक अग्रवाल जब आउट हुए तो उनके खाते में सिर्फ 4 रन थे और भारत के स्कोर बोर्ड पर टंगे थे सिर्फ 10 रन. टेस्ट मैच के पहले दिन वो भी दूसरे ही ओवर में इस तरह से आउट होना मयंक को मायूसी के सिवा कुछ नहीं देने वाला था. और, इस बात से पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा अच्छे से इत्तेफाक रखते हैं.