#इलेक्शन की खबरें उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव 2022

सपा के सामाजिक न्याय पर भारी पड़ा बीजेपी के राशन-प्रशासन का मुद्दा

उत्तर प्रदेश में करीब 15 करोड़ लोगों को फ्री में राशन म‍िल रहा है, इसके लाभार्थी सीधे तौर पर बीजेपी के लिए वोट में कन्वर्ट हुए नजर आ रहे हैं . हालांक‍ि चुनावी घोषणा पत्र में अखिलेश यादव ने भी जीतने के बाद फ्री तेल-घी और गैस सिलेंडर देने का वादा क‍िया था, लेक‍िन रूझानों में अख‍िलेश का वाद काम आता नजर नहीं आ रहा है.

उत्तर प्रदेश में बीजेपी इतिहास बनाती नजर आ रही है. यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम में बीजेपी प्रचंड बहुमत हासिल करती नजर आ रही है. सरकारी नौकरियों और सामाजिक न्याय के नारे के साथ मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी को बीजेपी  के राशन और प्रशासन के फार्मूले ने पीछे कर दिया. सपा को 2017 के मुकाबले सीटों में बढ़त जरूर दिखाई दे रही है, लेकिन वो सत्ता वाली सीट से काफी पीछे रह गई. दरअसल, इसके पीछे आम लोगों के लिए किए गए बीजेपी के काम नजर आ रहे हैं, जिसमें ‘फ्री राशन’ और अच्छा शासन प्रमुख है. बीजेपी की इस ताकत की काट विपक्ष नहीं ढूंढ पाया. यूपी में 14.96 करोड़ लोगों को फ्री में राशन मिल रहा था. इसके लाभार्थी बीजेपी के लिए वोट में कन्वर्ट हो गए. कोरोना काल में मुफ्त राशन ने लोगों के घर को संभाले रखा और इसका लाभ उठाने वाले सरकार के मुरीद हो गए.

मोदी सरकार ने 26 मार्च 2020 को कोरोना को लेकर लगाए गए लॉकडाउन को देखते हुए फ्री राशन देने की स्कीम की शुरुआत की थी. जो नवंबर 2021 में खत्म हो रही थी, लेकिन चुनाव को देखते हुए योगी सरकार ने इसे यूपी में नवंबर 2021 से आगे भी जारी रखने का एलान कर दिया था. कहा था कि फ्री राशन मिलना होली तक जारी रहेगा. यही नहीं लोगों को गेहूं, चावल के साथ चना दाल, खाद्य तेल और नमक भी दिया गया. महीने में दो-दो बार फ्री राशन मिला, जिसके नीचे दूसरे सारे मुद्दे फीके पड़ गए.

कितना अनाज मिला?

  1. गृहस्थी योजना के कार्डधारकों को 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल प्रति यूनिट फ्री दिया गया.
  2. अंत्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल फ्री में मिला.
  3. अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रति राशनकार्ड 1 किलो नमक, 1 किलो चना एवं 1 लीटर खाद्य तेल दिया गया.

सबसे ज्यादा वोटिंग करने वाले ग्रुप को किया टारगेट

प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सीएम योगी आदित्यनाथ अपने हर भाषण में फ्री राशन वाली योजना का जिक्र करते रहे. ताकि इसका लाभ लेने वालों को वोट देते वक्त भी याद रहे. सरकार की इस योजना का फायदा गरीबों, श्रमिकों को खूब मिला, यही लोग सबसे ज्यादा वोट भी देते हैं. यूपी के वरिष्ठ पत्रकार टीपी शाही का कहना है कि शुरू से ही यूपी में योगी सरकार के दो अहम लक्ष्य रहे हैं, पहला-कानून व्यवस्था ठीक रखना और दूसरा गरीबों के लिए राशन. दोनों की वजह से बीजेपी की झोली में जमकर वोट गए हैं.

काम नहीं आया अखिलेश यादव का वादा

समाजवादी पार्टी ने भी फ्री राशन के सियासी असर को भांप लिया था. इसलिए उन्होंने वादा किया कि सपा की सरकार आने पर हम राशन के साथ-साथ सरसों का तेल और दो गैस सिलिंडर भी देंगे. यही नहीं एक किलोग्राम घी भी देने का वायदा क‍िया था. साथ में यह भी कहा कि बीजेपी मार्च 2022 से फ्री राशन देना बंद कर देगी, लेकिन जनता ने इस पर विश्वास नहीं किया. सिलेंडर और डीजल-पेट्रोल की महंगाई का मुद्दा भी सपा के काम नहीं आया.

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Pooja Pandey

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