पूजा वस्त्राकर भारत की बॉलिंग ऑलराउंडर हैं जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शानदार पारी खेली

भारतीय टीम ने रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ आईसीसी वर्ल्ड कप के पहले मैच में जीत के साथ शुरुआत की. भारत ने 107 रनों के बड़े अंतर से अपने चिर प्रतिद्वंदी को मात दी. भारतीय टीम की इस जीत में उसकी युवा ऑलराउंडर पूजा वस्त्राकर का अहम रोल रहा. पूजा ने 59 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से 67 रनों की पारी खेली. टीम इंडिया जब मुश्किल स्थिति में थी तब उन्होंने स्नेह राणा के साथ 130 रनों की साझेदारी करके टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
22 साल की पूजा ने मध्यप्रदेश की रहने वाली हैं. उन्होंने बेहद ही छोटी उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया. पूजा के करियर में उनके कोच आशुतोष श्रीवास्तव का अहम रोल रहा. उन्होंने हर तरह से पूजा का समर्थन किया और यही वजह कि वह आज टीम इंडिया की ओर से खेल रही हैं. यह पूजा का पहला वर्ल्ड कप है.
लड़कों की टीम में भी बेस्ट थीं पूजा वस्त्राकर
उनके कोच ने कहा, ‘साल 2010 में मैं लोकल क्रिकेट अकेडमी में कोच था. मैंने पूजा को म्यूनिसिपल ग्राउंड शाहदोल में खेलते हुए देखा जो टेनिस बॉल पर छक्के लगा रही थी. मैं अकेडमी में बच्चों से पूछा कि वह लड़का कौन हैं. तब उन्होंने बताया कि वह लड़की है. मैं पूजा की पावर हीटिंग से काफी प्रभावित था.’ श्रीवास्तव ने बताया कि अगले दिन उन्होंने पूजा से पूछा कि क्या वह क्रिकेट खेलेंगी. पूजा ने तपाक से जवाब दिया कि क्रिकेट उनका जुनून है. हालांकि ट्रेनिंग देने से पहले उन्होंने यह शर्त रखी कि पूजा को केवल लड़कों के साथ ही खेलने होगा. श्रीवास्तव ने बताया कि वह पूजा अपनी टीम में सबसे अच्छा खेलती थी. वह अंडर 14 के लड़के से बेहतर थी. इसका कारण था उनका आत्मविश्वास और निडरता.
आज परिवार की ताकत हैं पूजा वस्त्राकर
पूजा सात भाई-बहनों में सबसे छोटी है. जब वह महज 10 साल की थी तब उनकी मां का निधन हो गया. उस समय कोच श्रीवास्तव ने उनके घर जाकर परिवार वालों को राजी किया कि वह पूजा को खेलने की इजाजत दे. पूजा के पिता अपनी बेटी की सफलता पर बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘वह जबसे चार साल की थी तबसे क्रिकेट खेल रही है. मुझे नहीं लगा था कि वह इंडिया के लिए खेलेगी पर उसे खुद पर भरोसा था. वह जब भी मुझसे ट्रेनिंग के लिए पैसे मांगती थी तो मैं मजाक में कहता था क्यों समय बर्बाद कर रही है वह करती देखना इंडिया खेलूंगी.’ उन्होंने आगे बताया कि पूजा के लिए जो किया वह उनके कोच ने किया. मध्यप्रदेश की अंडर 19 टीम में उनका चयन हुआ और तबसे से उसने मुझसे कोई आर्थिक मदद नहीं मांगी. उसे बहन की शादी में भी मदद की.