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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बाद अब पुतिन से बात करेंगे पीएम मोदी!

इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट रविवार को अचानक मॉस्को पहुंच गए। रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की वह कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात करने वाले हैं।

रूस और यूक्रेन वॉर पर कूटनीतिक गलियारों से बड़ी खबर आ रही है. सरकार के टॉप सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से लंबी बात की है. दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच लगभग 11.30 बजे 35 मिनट तक फोन पर बातचीत हुई.  

पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन में पैदा हुई युद्ध की स्थिति पर चर्चा की और इसके अलग अलग आयामों पर विचार किया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत की सराहना की. प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में यूक्रेन सरकार द्वारा दी गई सहायता के लिए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को धन्यवाद दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने सुमी से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए यूक्रेन सरकार से समर्थन की मांग की.

दोपहर बाद 1:30 बजे पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात करेंगे. बता दें कि भारत की चिंता यूक्रेन के सुमी शहर में फंसे अपने नागरिकों को निकालने की है। इस बीच राष्ट्रपति ने कीव, सूमी, खार्किव और मारियुपोल में हमले किए हैं।

ऑपरेशन गंगा किया गया शुरू

यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा की भी शुरुआत की है. नागरिकों की वापसी को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला लिया था. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने युद्धविराम लागू करने का ऐलान किया है. जिसे रूस की तरफ से चुनिंगा रूप से लागू भी किया गया. ताकि यूक्रेन के आम नागरिकों और वहां फंसे विदेशियों के लिए मानवीय कॉरिडोर खोले जा सकें.

दुनियाभर के देशों को चिंता

रूस के यूक्रेन में बढ़ते हमलों से भारत समेत दुनियाभर के देश चिंता में हैं. क्योंकि उनके कई नागरिक अब भी वहां फंसे हुए हैं. भारत यूक्रेन के पड़ोसी देशों से उड़ानों का संचालन कर लोगों की वापसी करा रहा है. लेकिन युद्धग्रस्त इलाकों से सीमा तक आना ही सबसे बड़ा जोखिम का काम है. रविवार को सरकार ने कहा था कि 22 फरवरी से अब तक उसने यूक्रेन से करीब 16,000 भारतीय छात्रों को पड़ोसी देशों से उड़ानों के जरिए निकाला है.

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Pooja Pandey

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