क्रिकेट खेल

टीम इंडिया ने श्रीलंका को पारी और 222 रनों से हराया, रविंद्र जडेजा बने ‘प्लेयर ऑफ द मैच’,लेकिन क्यों उड़ गई थी उनके चेहरे की हवाईयां

रविंद्र जडेजा के बेहतरीन हरफनमौला प्रदर्शन की मदद से भारत ने पहले क्रिकेट टेस्ट में श्रीलंका को तीन दिन के भीतर ही एक पारी और 222 रन से हरा दिया. श्रीलंका को पहली पारी में 174 रन पर आउट करने के बाद भारत ने दूसरी पारी में उसे 178 रन पर समेट दिया.

श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम की जीत को अब कई घंटे बीच चुके हैं. लेकिन चर्चा अब भी रवींद्र जडेजा  के शानदार प्रदर्शन की है. नॉट आउट 175 रन और 9 विकेट के बाद वो तारीफ के हकदार हैं भी. उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. उन्होंने अकेले ही श्रीलंका के होश उड़ा दिए. अगले टेस्ट मैच के लिए मैदान में उतरने से पहले श्रीलंका की रणनीतियों के केंद्र में रवींद्र जडेजा ही होंगे.

दरअसल, श्रीलंका की टीम से रवींद्र जडेजा का पुराना रिश्ता है. करीब 13 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत रवींद्र जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ ही की थी. साल 2009 की बात है, फरवरी का महीना था. भारतीय टीम श्रीलंका के दौरे पर थी. इसी दौरे में रवींद्र जडेजा के वनडे और टी20 करियर की शुरुआत हुई थी. जडेजा के उस दौरे में उनकी ‘किट’ की बड़ी दिलचस्प कहानी है. आज आपको वही कहानी सुनाते हैं.

पूल के किनारे बेचैनी में क्यों घूम रहे थे जडेजा?

श्रीलंका के जिस दौरे का जिक्र हमने इस कहानी की शुरुआत में किया था उसका एक दिलचस्प किस्सा है. भारतीय टीम कोलंबो के ताज समुद्रा होटल में ठहरी हुई थी. भारतीय टीम के कई खिलाड़ी स्वीमिंग पूल में मस्ती कर रहे थे. सुरेश रैना और प्रवीण कुमार में हंसी मजाक चल रहा था. हंसी मजाक की वजह थी प्रवीण कुमार के गले की सोने की चेन. पूल के एक कोने से इरफान पठान भी मौज ले रहे थे. प्रवीण कुमार के सोने की चेन का भार कम से कम 250 ग्राम रहा होगा. रैना का कहना था कि प्रवीण कुमार के सोने की चेन हेलमेट से ज्यादा भारी होती है. इस मौज मस्ती से बेखबर एक खिलाड़ी पूल के किनारे बहुत ही बेचैनी में घूम रहा था. वो खिलाड़ी लगातार फोन पर बात कर रहा था. उसकी बातचीत सुनाई तो नहीं दे रही थी लेकिन उसके हाव भाव से ये समझ आ रहा था कि वो बहुत परेशान है. बाद में जब बाकी खिलाड़ी पूल से बाहर निकले तो उस खिलाड़ी की बेचैनी की वजह पता चली. वो खिलाड़ी रवींद्र जडेजा ही थे.

‘किट’ नहीं आती तो मैदान में कैसे उतरते

जडेजा इसलिए बेचैन थे क्योंकि उनकी किट नहीं आई थी. पूरा किस्सा कुछ ऐसा है कि भारतीय टीम 5 मैचों की सीरीज में 4 वनडे जीत चुकी थी. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरी वनडे मैच में रवींद्र जडेजा को भी मौका देने की सोची. उन्होंने जडेजा को मैच से पहले बता भी दिया कि वो अपने वनडे करियर की शुरूआत करने की तैयारी कर लें. जाहिर है किसी भी खिलाड़ी के लिए अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरूआत उसके सपनों के पूरे होने जैसी होती है. ऐसे में अगर उसकी ‘किट’ ही ना आई हो तो बेचैनी लाजमी है. खैर, अगले रोज जब हम लोग मैच कवर करने मैदान में पहुंचे तो रवींद्र जडेजा प्लेइंग 11 में दिखाई दिए. वो मैच भारतीय टीम हार गई थी लेकिन जडेजा ने नॉट आउट 60 रन बनाए थे. आज जडेजा को मैदान में करीब 13 साल बीत चुके हैं. वो 58 टेस्ट, 168 वनडे और 58 टी20 खेल चुके हैं. उनके खाते में पांच हजार से ज्यादा रन हैं. तकरीबन पांच सौ विकेट हैं. वो भारत के स्टार क्रिकेटर हैं. लेकिन वो किट का किस्सा अब भी उनके साथ चलता है.

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Pooja Pandey

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