होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 17 मार्च के दिन पड़ रही है. 17 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा.और 18 मार्च को रंग खेला जाएगा.

होली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म में रंगों के इस त्योहार का विशेष महत्व है. होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. इस दिन को छोटी होली के रूप में मनाया जाता है. पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन के अगले दिन लोग रंगों से होली खेलते हैं. ज्योतिष शास्त्र में होलिका दहन के दिन कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो आपके घर के सभी संकटों को दूर कर सकते हैं. होलिका दहन में कई ऐसी चीजें डाली जाती हैं, जो आपके घर की आर्थिक स्थिति को ठीक करके परिवार में खुशियां लाती हैं. ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के दिन पवित्र अग्नि में सभी विपत्तियां नष्ट हो जाती हैं.
होलिका दहन के दिन करें ये उपाय
परिवार में आएगी खुशी
ज्योतिषियों के अनुसार होलिका दहन के समय मिट्टी के कलश में 11 मिर्च के बीज डाल दें. फिर इस कलश को पवित्र अग्नि में रख दें और हाथ जोड़कर भगवान विष्णु से प्रार्थना करें. ऐसा करने से घर के सारे संकट दूर हो जाते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि आती है.
आर्थिक संकट से छुटकारा पाने के लिए
होलिका दहन के दिन पवित्र अग्नि में लकड़ी और गोबर के उपले या बुरकले डालने का रिवाज है. हालांकि इस दिन अगर आप गाय के गोबर के बुरकले को रस्सी से बांधकर अपने घर के बाहर लटकाते हैं तो इससे घर में मौजूद सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है. घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है.
वैवाहिक जीवन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी लड़की के विवाह में परेशानी आ रही है या कोई महिला अपने पारिवारिक जीवन में बहुत दुखी है. इसके लिए एक चुटकी सिंदूर लेकर पवित्र अग्नि में डाल दें. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि ये बात आप किसी को न बताएं. ऐसा करने से आपके सारे काम हो जाएंगे.
समस्याएं खत्म न होने पर
कई बार जीवन में लगातार आ रही समस्याओं के कारण व्यक्ति काफी तनाव और दुखी महसूस करता है. इन समस्याओं से निपटने के लिए आप होली की रात घर के एंट्री गेट पर सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं. भगवान से प्रार्थना करें. ये उपाय इन समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा.
आर्थिक तंगी से निपटने के लिए
होली के दिन नारायण और मां लक्ष्मी के मंदिर में जाएं. विधि-विधान से पूजा करें. सहस्त्रनाम का पाठ करें. भगवान से समस्याओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करें. इसके बाद जरूरतमंदों को दान करें.