भारत से इस साल रिकॉर्ड 70 लाख टन गेहूं का निर्यात होने की उम्मीद है. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने उसे बताया कि वैश्विक बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी दुनिया में गेहूं के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश को बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका देती है.

भारत से इस साल रिकॉर्ड 70 लाख टन गेहूं का निर्यात होने की उम्मीद है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने उसे बताया कि वैश्विक बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी दुनिया में गेहूं के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश को बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका देती है. रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी सुधांशु पांडे ने शनिवार को कहा था कि भारत में गेहूं के निर्यात ने रफ्तार पकड़ी है. पांडे ने आगे कहा कि फरवरी के आखिर तक, उन्होंने पहले ही 6.6 मिलियन टन गेहूं का निर्यात कर दिया है. अभी भी एक महीना बचा है.
वित्त वर्ष 2012-13 में, भारत ने रिकॉर्ड 6.5 मिलियन टन गेहूं की शिपमेंट की थी. अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हाल ही में आई तेजी ने गेहूं के निर्यात को कारोबारियों के लिए ज्यादा आकर्षक बना दिया है.
सप्लाई में रूकावटों की वजह से बढ़ा दाम
शिकागो में बेंचमार्क गेहूं की कीमतों में इस हफ्ते के दौरान 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. ऐसा यूक्रेन में युद्ध और रूस पर प्रतिबंधों की वजह से सप्लाई में रूकावटों के डर की वजह से हुआ है. रूस और यूक्रेन की साथ में मिलकर दुनिया में गेहूं के निर्यात में 30 फीसदी की हिस्सेदारी है. व्यापारियों ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत के गेहूं के निर्यात के आगे बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकि खरीदार काले सागर की शिपमेंट के विकल्पों के बारे में पूछताछ कर रहे हैं.
पांडे ने यह भी कहा कि भारत अफगानिस्तान को 50,000 टन गेहूं भी भेजता है. उन्होंने कहा कि ऐसा वह पिछले साल तालिबान द्वारा टेकओवर किए जाने के बाद, देश की मदद करने के लिए करता है. क्योंकि वह गरीबी और भूखमरी का सामना कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली अफगानिस्तान को ज्यादा इस्तेमाल नहीं किए जाने जमीनी रूट के माध्यम से पाकिस्तान के जरिए पहले ही 4,000 टन अनाज भेज चुका है.
आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध से तमाम दूसरी चीजों के साथ गेहूं की सप्लाई चैन में भी बड़ी रूकावट आई है. सप्लाई चैन में दिक्कतों की वजह से ही ओपन मार्केट में गेहूं की कीमतें बढ़ी हैं. तमाम कंपनियां, जिसमें भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं, ओपन मार्केट से ही गेहूं खरीदती हैं. यहां गेहूं के दाम बीते 15 दिनों में 85 रुपए क्विंटल बढ़ गए हैं.