आज की तेजी के कारण गोल्ड का भाव डोमेस्टिक मार्केट में 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.जबकि कच्चे तेल में उबाल जारी है.

रूस ने यूक्रेन में यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला कर दिया है. इस हमले के बाद ग्लोबल मार्केट में भयानक बिकवाली दिख रही है. इधर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने भी साफ कर दिया है कि इस महीने इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी कर दी जाएगी. इन घटनाओं के बीच आज सुबह सेंसेक्स 450 अंकों की गिरावट के साथ 54653 के स्तर पर निफ्टी 159 अंकों की गिरावट के साथ 16339 के स्तर पर खुला. सुबह के 10 बजे सेंसेक्स 828 अंकों की गिरावट के साथ 54274 के स्तर पर और निफ्टी 235 अंकों की गिरावट के साथ 16262 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. फेड की घोषणा और रूस के हमले में तेजी से गोल्ड और क्रूड ऑयल की कीमत में उछाल देखा जा रहा है.
एमसीएक्स पर सुबह के 10 बजे अप्रैल डिलिवरी वाला सोना 241 रुपए की तेजी के साथ 52011 रुपए के स्तर पर और जून डिलिवरी वाला सोना 268 रुपए की तेजी के साथ 52217 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. चांदी में भी उबाल है. मई डिलिवरी वाली चांदी 316 रुपए की तेजी के साथ 68220 के स्तर पर और जुलाई डिलिवरी वाली चांदी 180 रुपए की तेजी के साथ 68762 के स्तर पर ट्रेड कर रही थी.
इंटरनेशनल मार्केट में सोना-चांदी का भाव
इंटरनेशनल मार्केट में सोना 1942 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर है जबकि चांदी 25.26 डॉलर के स्तर पर है. ऐनालिस्ट्स का मानना है कि अभी सोना-चांदी में उछाल जारी रहेगा.
रसियन करेंसी रिकॉर्ड लो के नए स्तर पर पहुंची
फिच और मूडीज ने रूस की रूस की क्रेडिट रेटिंग को घटाकर जंक कर दिया है. इसका मतलब वहां की इकोनॉमी की हालत पतली हो गई है और यह इन्वेस्टमेंट के लायक नहीं है. इधर रूस की करेंसी रूबल पर दबाव और बढ़ गया है. डॉलर के मुकाबले इसने गिरावट का नया रिकॉर्ड कायम किया है. इस समय यह डॉलर के मुकाबले 106 के स्तर पर है. कारोबार के दौरान इसने 118 रूबल का स्तर छुआ था. यूरो के मुकाबले यह 125 तक फिसल गया था जो पहली दफा है.शुरुआती कारोबार में रुपए में 11 पैसे की गिरावट दर्ज की गई और यह 76.05 के स्तर पर पहुंच गया.
तेल 185 डॉलर तक जाने का अनुमान
यूक्रेन क्राइसिस का सबसे भारी असर तेल की कीमत पर हुआ है. इस समय कच्चा तेल 112 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर ट्रेड कर रहा था जो कारोबार के दौरान 3 मार्च को 119 डॉलर के स्तर तक पहुंचा था. जेपी मॉर्गन ने कहा कि सप्लाई प्रॉब्लम के कारण कच्चा तेल 185 डॉलर तक पहुंच सकता है.
रूस 66 फीसदी कच्चा तेल नहीं बेच पा रहा है
जेपी मॉर्गन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अभी रूस प्रोडक्शन का 66 फीसदी तेल नहीं बेच पा रहा है, क्योंकि खरीदार नहीं मिल रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में सप्लाई की प्रॉब्लम इतनी गंभीर होगी कि कच्चा तेल 120 डॉलर के स्तर पर बना रहेगा. ओपेक+ देशों ने भी फिलहाल प्रोडक्शन नहीं बढ़ाने का ऐलान किया है. भारत के महंगा कच्चा तेल गंभीर चिंता का विषय है.