रूस ने सोशल मीडिया पर सरकारी मीडिया के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है.

पिछले 10 दिनों से रूस, यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है. इस बीच शुक्रवार, 4 मार्च को रूस ने सोशल मीडिया की बड़ी कंपनी- फेसबुक को ब्लॉक करने का ऐलान किया है. इसके अलावा देश में यूट्यूब और ट्विटर को भी बैन किया गया है.
रूस ने इन सामाजिक मीडिया कंपनीज पर सरकारी मीडिया के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.
फेसबुक के खिलाफ भेदभाव के 26 मामले
अक्टूबर 2020 से फेसबुक के खिलाफ भेदभाव के 26 मामले सामने आए हैं. यह जानकारी रूस सरकार की सेंसरशिप एजेंसी रोसकोम्नाडजोर ने दी. वहीं, माइक्रोसाफ्ट ने भी अपने नए प्रोडक्ट को रूस में बिक्री पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अन्य देश भी रूस पर लगातार बैन लगा रहे हैं. रूस में लगे इस बैन पर फेसबुक और इंस्टग्राम की पैरेंट कंपनी Meta के वैश्विक मामलों के प्रमुख निक क्लेग ने कहा कि कंपनी अपनी सेवाओं को बहाल करने के लिए वह सब कुछ करना जारी रखेगी, जो वह कर सकती है. उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, ‘जल्द ही लाखों आम रूसी विश्वसनीय जानकारी से खुद को कटा हुआ पाएंगे, परिवार और दोस्तों के साथ जुड़ने के अपने रोजमर्रा के तरीकों से वंचित हो जाएंगे और बोलने से चुप हो जाएंगे.’
रूस में इस कानून के तहत देश के सशस्त्र बलों के बारे में ‘‘झूठी’’ सूचना फैलाने पर किसी व्यक्ति को 15 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सेना पर ‘फर्जी खबर’ के लिए जेल की सजा के प्रावधान वाले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. माइक्रोसॉफ्ट रूस में अपने कंपनी उत्पादों और सेवाओं की सभी नई बिक्री को निलंबित करेगा. इससे पहले एपल अपने सभी उत्पादों को रूस में बैन कर चुका है.