चीन यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों की निकासी नहीं करा रहा है. उसका कहना है कि वह सुरक्षित निकासी की गारंटी नहीं दे सकता है.

रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से यहां बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं. भारत अपने नागरिकों को निकालने के लिए तेजी से काम कर रहा है. इसके लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया गया है और चार केंद्रिय मंत्रियों को भी निकासी अभियान सुनिश्चित करने के लिए पड़ोसी देशों में भेजा गया है. वहीं रूस जैसे देश केवल अपने नागरिकों की वापसी के रास्ते ही तलाश रहे है. चीन के यूक्रेन में फंसे 6000 से अधिक छात्रों को निकालने में देरी से विवाद पैदा हो गया है.
चीन पूर्वी यूक्रेन में अपने विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के चलते उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए चार्टर्ड उड़ानों के संचालन जैसी वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करने में लगा है. आधिकारिक मीडिया ने बताया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन ने आपातकालीन समन्वय तंत्र शुरू किया है और चीनी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों के साथ घनिष्ठ संपर्क बनाए रखा है.
देश छोड़ने की खबर खारिज की
यूक्रेन स्थित चीनी दूतावास के एक अधिकारी ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि कीव में बिगड़ती स्थिति के बीच दूतावास स्थानीय चीनी नागरिकों को निकालने के लिए वैकल्पिक योजनाओं पर भी विचार कर रहा है. यूक्रेन में चीन के राजदूत फैन जियानरोंग ने एक वीडियो में उन अफवाहों को खारिज किया कि उन्होंने देश छोड़ दिया है. दूतावास के एक कर्मचारी ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, ‘यूक्रेन की स्थिति को देखते हुए, हमें सबसे पहले अपने चीनी नागरिकों को आश्वस्त करना और उनकी चिंता को कम करना है.’