उत्तर प्रदेश दुनिया राज्य

दीपेश ने बताया कैसे बीते यूक्रेन में दहशत के वो चार दिन, बेटे के घर पहुंचते ही परिजनों के छलके खुशी के आंसू!

यूक्रेन में अलीगढ़ के करीब 40 छात्र पढाई के लिए गए हुए हैं। इन दिनों रूस और यूक्रेन में युद्ध के चलते वे दहशत में जी रहे हैं। इनमें से कुछ अपने वतन वापस आ गए हैं। उन्‍होंने वहां के दर्द को बयां किया तो रोंगटे खड़े हो गए।

यूक्रेन में आसमान से बरस रहे बम धमाकों के बीच से निकलकर 4 दिन बाद दीपेश अपने घर अपने मां-बप और परिवार के बीच पहुंच गया है. बेटे को सही सलामत देख परिवार के लोगों की आंखों में खुशी के आंसू छलक गए. हाथरस पहुंचे दिपेश ने यूक्रेन पर रूस द्वारा मिसाइलों से किए जा रहे धमाकों और उन धमाकों से यूक्रेन में फैली दहशत की हकीकत बयान की. यूक्रेन की हकीकत बेटे के मुंह से पता लगने पर परिवार के लोगों की रुह कांप गई. यूक्रेन में अलीगढ़ के करीब 40 बच्चे एमबीबीएस मेडिकल की पढाई के लिए गए हुए हैं. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते भारतीय छात्र वहां  दहशत में जी रहे हैं. इन 40 बच्चों में कुछ बच्चे अपने वतन भारत वापस आ गए हैं.

जंग की दहशत ऐसी कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए

भारत आने पर उन्‍होंने वहां मिसाइलों से हुए धमाकों के बाद फैली दहशत दर्द को बयां किया तो सुनने वालों के भी रोंगटे खड़े हो गए. दीपेश के घर पहुंचते ही मां-बाप की आंखों में बेटे को गले लगा आंखों से आंसू निकल पड़े.मां के गले लग दीपेश आंखों में आंसू लिए भावुक हो गया. मां बाप के गले लगकर जब गले से अलग हटा तो यूक्रेन की चर्चा शुरू हो गई. यूक्रेन की चर्चा शुरू करते हुए उन हालातों में उसके साथ रह रहे अपने साथियों को याद करने लगा.यूक्रेन में छोड़कर आया अपने साथियों की चिंता सताने लगी और यूक्रेन के हालात बताते हुए दिपेश बोला की उसको दहशत की जिंदगी से अब छुटकारा मिल गया.

7 घंटे में 450 किमी का सफर तय कर एयरपोर्ट पहुंचे तो फ्लाइट पांच घंटे लेट

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस जिले के खातीखाना निवासी शैलेंद्र के 19 वर्षीय बेटे दीपेश वर्मा ने पिछले साल यूक्रेन के डेनीपर शहर स्थित डेलीप्रो स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था. जिसके बाद भारत से 11 नवंबर को यूक्रेन गया था. वह यूनिवर्सिटी कैंपस में ही हास्टल में रह रहा  था . लेकिन तब यूक्रेन में सबकुछ सामान्य चल रहा था. यूक्रेन की दहशत से निकलकर 4 दिन बाद अपने घर पहुंचे दीपेश ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले को लेकर चैनल व समाचार पत्रों के माध्यम से खबरें प्रसारित हो रहीं थी. जिसके बाद रुस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने की खबरें देखते ही उनकी चिंता बढ़ने लगी थी.

दीपेश ने बयांं किए दहशत के चार दिन

रुस और यूक्रेन के बीच लड़ाई होने की जानकारी मिलने पर घर से उसके परिवार के लोग लगातार वहां के हालात को लेकर फोन कर रहे थे. इसके बाद रूस ने यूक्रेन के डोनेस्टक सहित लुहांस्क पर हमले शुरू कर दिए थे.लेकिन उस समय यूक्रेन के डेनीपर शहर में शांति थी.इन हालातों  के बाद 18 फरवरी को उसके पिता शैलेंद्र वर्मा ने उसकी फ्लाइट का टिकट बुक कर दिया था. जिसके बाद उसकी 24 फरवरी की सुबह पांच बजे फ्लाइट थी. उसके बाद हॉस्टल से एक दिन पहले डेनीपर से बस से 450 किलोमीटर दूर राजधानी कीव के लिए निकल गए. बस से साड़े 400 किलोमीटर का सफर तय कर सात घंटे एयरपोर्ट पहुंचने में लगे. एयरपोर्ट पहुंचने पर पता चला कि उनकी फ्लाइट पांच घंटे लेट हैं. एयरपोर्ट पर इस दौरान अपने घर परिजनों से उसकी व्हाट्सएप पर वीडियोकाल से बात हो रही थीं. कहा कि हम वहां दहशत में थे और भारत में उनके मां बाप ओर परिवार के लोग भी वहां के हालातों को लेकर काफी चिंतित थे.

5 घंटे फ्लाइट लेट होने के बाद कीव एयरपोर्ट पर विमान पहुंचने के बाद एयरपोर्ट से अपनी फ्लाइट में बैठ गए और उसके बाद यूक्रेन से दिल्ली के लिए उनकी फ्लाइट में उड़ान भरी. जिसके बाद यूक्रेन की धरती से निकलकर जैसे उनकी फ्लाइट दिल्ली पहुंची तो दिल्ली फ्लाइट पहुंचते ही उन्होंने दिल्ली की धरती पर अपना कदम रखा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था. दिल्ली पहुंचते ही उसने फ्लाइट से उतर कर अपने परिजनों पर फोन कर सूचना दी कि वह फ्लाइट से उतरकर दिल्ली पहुंच चुका है. जिसके बाद सूचना मिलते ही उसके परिजन भी बेफिक्र हो गए और सुकून महसूस कर रहे थे.

बेटे के घर पहुंचते ही परिजनों के छलके खुशी के आंसू

दिल्ली एयरपोर्ट से यूपी के हाथरस जिले अपने घर निकलने के बाद गुरुवार की रात 1:00 बजे के करीब दीपेश अपने घर पहुंच गया. यूक्रेन से घर पहुंचने के बाद उसके पिता शैलेंद्र ने कहा कि जब यूक्रेन और रुस के बीच जब तनाव बढ़ रहा था,तभी उन्होंने अपने बेटे से बात कर भारत की फ्लाइट बुक कर दी थी. पहले फ्लाइट का टिकट बहुत कम पैसों में बुक हो रहा था. लेकिन हालातों के बाद फ्लाइट का टिकट दोगुना से ज्यादा किराया लगा. लेकिन वह चाह रहे थे कि मैं मेरा बेटा यूक्रेन से जल्दी घर लौटे. लेकिन अब उनका बेटा घर पहुंच चुका है उसके घर पहुंचते ही दीपेश परिजनों से लिपट गए और अपनों को देख उसकी खुशी की ठिकाना नहीं रहा. जिसके चलते उसकी आंखों में खुशी में आंसू झलक आए.

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.