
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव जारी है. 10 मार्च को इसके नतीजे आ जाएंगे. एक तरफ कच्चे तेल का भाव आसमान छू रहा है और दूसरी तरफ पिछले 115 दिनों से पेट्रोल-डीजल के रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है. हालांकि, यह खुशी अब ज्यादा दिन रहने वाली नहीं है. डोमेस्टिक रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान में कच्चे तेल के भाव के आधार पर पेट्रोल-डीजल का रेट 8 रुपए प्रति लीटर तक कम है. इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिती नैयर ने कहा कि वैसे सटीक राशि के बारे में नहीं बता सकते, लेकिन यह 6-8 रुपए प्रति लीटर के रेंज में है.
इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करती है और इसे कोरोना पूर्व स्तर पर लेकर आती है तो सरकारी खजाने पर करीब 92000 करोड़ का बोझ बढ़ेगा. 10 मार्च को चुनाव खत्म होने के बाद कीमत में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है. ऐसे में कीमत पर कंट्रोल लाने के लिए सरकार के पास एक्साइज ड्यूटी में कटौती का विकल्प है. ऐसा नहीं करने पर रिटेल इंफ्लेशन बढ़ जाएगा जो बड़ी चुनौती होगी.
सीएनजी और रसोई गैस भी होगी महंगी!
प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बाधित होने से आने वाले समय में घरेलू बाजार में रसोई गैस और सीएनजी के दाम में भी तेजी आने की संभावना है. जानकारों का मानना है कि नेचुरल गैस और सीएनजी के रेट भी 10 से 15 रुपये तक बढ़ सकते हैं.