
आंखें लाल होना एक बहुत ही आम समस्या है, अधिकतर लोगों को जीवन में कभी न कभी इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके कईं कारण हैं, जो मामूली से लेकर गंभीर हो सकते हैं।
अधिकतर मामलों में साफ-सफाई और स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है।
लेकिन अगर यह समस्या कईं दिनों तक बनी रहे तो उपचार कराना जरूरी हो जाता है, नहीं तो आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंच सकता है।
क्या हैं कारण?
यह आंखों के सफेद भाग की महीन रक्त वाहिकाओं के फैलने के कारण हो सकता है। ये महीन रक्त नलिकाएं, जिसमें से अधिकतर दिखाई नहीं देती हैं, सूज जाती हैं। इसके निम्न कारण हो सकते हैं;
- एलर्जी
- आंखों की थकान
- वायु प्रदूषण
- धूल-मिट्टी
- रसायनों का अत्यधिक एक्सपोज़र
- सूरज के प्रकाश का अत्यधिक एक्सपोज़र
- लंबे समय तक कांटेक्ट लेंस लगाए रखना
- आंखों का संक्रमण जैसे कंजक्टिवाइटिस
- आंखों की गंभीर समस्याएं जैसे ग्लुकोमा
- आंखों में चोट लग जाना
- कार्नियल अल्सर
- हाल में हुई आंखों की सर्जरी जैसे लेसिक, कॉस्मेटिक सर्जरी आदि
- बचाव के तरीके
- अधिक देर तक कांटेक्ट लेंस न लगाएं.
- कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से पहले उन्हें अच्छी तरह साफ कर लें.
- आंखों को केमिकल या हानिकारक तत्वों से बचाएं.
- आंखों में कोई भी ड्रॉप बिना डॉक्टर की सलाह के न इस्तेमाल करें.
- सूरज की हानिकारक किरणों से आंखों को बचाने के लिए गॉगल्स का इस्तेमाल करें.
- अगर किसी को आंखों के लालपन की समस्या है तो उसके कॉन्टेक्ट में आने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं.
ये है इलाज
आंखों की लालपन की समस्या होने पर विशेषज्ञ आंखों की जांच करके समस्या का पता लगाते हैं. अगर समस्या एलर्जी की वजह से है तो कुछ दवाएं व आई ड्रॉप्स दिए जाते हैं. बैक्टीरिया का संक्रमण होने पर विशेषज्ञ एंटीबायोटिक्स की मदद ले सकते हैं. अगर ग्लूकोमा या ट्यूमर की स्थिति बन रही है, तो विशेषज्ञ इसका लंबा उपचार चला सकते हैं. इसलिए लंबे समय तक आंखों में लालपन की समस्या को टालें नहीं. विशेषज्ञ से इसके बारे में परामर्श करें.