महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिवसेना नेता यशवंत जाधव के घर दस्तक दी है। कल ही उनकी पत्नी ने नवाब मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।

मुंबई मनी लॉड्रिंग केस में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम मुंबई में शिवसेना नेता यशवंत जाधव के घर पर दस्तक दिया है. इस मामले में गुरुवार को नवाब मलिक के भाई कप्तान मलिक से भी पूछताछ हुई थी.बता दें की बुधवार को ईडी ने आठ घंटे की पूछताछ के बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए जेजे अस्पताल लाया गया.जानकारी के अनुसार मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी और दाऊद इब्राहिम से संबंधित लोगों के आर्थिक लेन-देन के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है. ईडी ने कुछ दिनों पहले ठाणे जेल से दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को कस्टडी में लेकर उससे पूछताछ की. इकबाल कासकर ने अपनी पूछताछ में नवाब मलिक का नाम लिया है.
अब शिवसेना नेता के घर पहुंची ईडी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम मुंबई में शिवसेना नेता यशवंत जाधव के आवास पर पहुंची। विवरण प्रतीक्षित
बीजेपी बना रही है इस्तीफे का दबाव
नवाब मलिक महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं और उनकी दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद अब बीजेपी महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर उनके इस्तीफे का दबाव बना रही है. मंत्री नवाब मलिक पर कथित मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण में संलिप्तता के आरोप लगे हैं. उन पर आरोप है कि वो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंधित जमीन डील से जुड़े रहे हैं. ईडी अंडरवर्ल्ड से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. ईडी ने हाल ही में अंडरवर्ल्ड के खिलाफ केस दर्ज कर कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. इस मामले में कु: हफ्ते पहले दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को भी दबोचा गया था.
प्रवर्तन निदेशालय को कुछ अहम सबूतों से जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक और दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के बीच लेनेदेन हुआ है. पिछले चार महीनों में केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले मलिक दूसरे वरिष्ठ एनसीपी नेता हैं. इससे पहले राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य कथित मामले में हिरासत में लिया गया था और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया था.