जिस समय यूक्रेन पर हमले का सिलसिला शुरू हुआ, उस वक्त पाक पीएम इमरान खान मॉस्को में ही मौजूद थे. जब बाइडेन से यह पूछा गया कि क्या भारत आपके साथ खड़ा है? तो उन्होंने साफ कहा कि इसको लेकर भारत से बातचीत चल रही है.

दुनिया में तीसरे विश्वयुद्ध की सरसराहट अब सुनाई देने लगी है. यूक्रेन पर रूस के बढ़ते हमले एक नए भयावह मंजर का संकेत दे रहे हैं. दुनियाभर के कई राष्ट्र रूस की इस हिमाकत की घनघोर निंदा कर रहे हैं. इनमें से एक देश अमेरिका है. अमेरिका इस युद्ध में यूक्रेन की तरफ है. विश्व की महाशक्ति ने रूस के आक्रामक रवैये पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मास्को का समर्थन करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण का समर्थन करने वाला कोई भी देश बर्बादी की राह पर आकर खड़ा हो जाएगा.
जाहिर है कि बाइडेन की चेतावनी खासतौर से पाकिस्तान के लिए है. क्योंकि जिस समय यूक्रेन पर हमले का सिलसिला शुरू हुआ, उस वक्त पाक पीएम इमरान खान मॉस्को में ही मौजूद थे. जब बाइडेन से यह पूछा गया कि क्या भारत आपके साथ खड़ा है? तो उन्होंने साफ कहा कि इसको लेकर भारत से बातचीत चल रही है. हालांकि भारत ने यूक्रेन के मुद्दे पर बीच का रास्ता अपनाया है, क्योंकि इसकी दोनों देशों से अच्छी दोस्ती है. भारत के अमेरिका के साथ भी अच्छे संबंध हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को कहा कि रूस के सैन्य अभियान के बाद यूक्रेन संकट पर अमेरिका भारत के साथ चर्चा करेगा.
क्यों भारत को बीच का रास्ता ही अपनाना होगा?
माना जा रहा है कि यूक्रेन संकट को लेकर भारत और अमेरिका का रुख एक जैसा नहीं है. यानी दोनों देश इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार रखते हैं. जहां एक तरफ भारत की रूस के साथ पुरानी दोस्ती है. तो वहीं दूसरी ओर, अमेरिका के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी पिछले डेढ़ दशक में अभूतपूर्व गति से बढ़ी है. ऐसे में भारत को बीच का रास्ता ही अपनाना होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन पर आक्रामक होने का आरोप लगाते हुए कहा कि रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जैसे भयावह मंजर को चुना.
दुनिया रूस के खिलाफ एकजुट
बाइडेन ने इस क्रोध में रूस के खिलाफ नए आर्थिक प्रतिबंधों की भी घोषणा कर डाली है. बाइडेन ने कहा, ‘पुतिन आक्रमणकारी है. उन्होंने युद्ध को चुना.’ बाइडेन ने रूस के खिलाफ सख्त आर्थिक प्रतिबंधों का ऐलान किया. हालांकि रूसी सेना के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए अमेरिकी सेना को यूक्रेन भेजने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया रूस के खिलाफ एकजुट है.