औजला ने कहा, ‘सिद्धू बड़े नेता हैं. बहुत सारे लोग उन्हें देखते हैं और उनका अनुसरण करते हैं. उन्हें विपक्षी दलों सहित नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. एक बड़े नेता को अपने भाषण में अनुशासित होना चाहिए.

कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने रविवार को कहा कि पंजाब में पार्टी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पिछले पांच सालों के दौरान कभी लोगों के बीच नहीं रहे. उन्होंने अन्य नेताओं के खिलाफ कई बार तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया. इससे पांजब की जनता उनसे काफी नाराज है. औजला ने कहा कि सिद्धू के इस रवैये से पंजाब विधानसभा चुनाव में उनकी जीत की संभावना प्रभावित हो सकती है.
अमृतसर से कांग्रेस सांसद ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘सिद्धू को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है. राष्ट्रीय नेता होने के नाते उन्होंने पिछले पांच सालों में लोगों को अपना बहुत कम समय दिया है. इतना ही नहीं लोगों ने उनके बोलने के तरीके को भी नापसंद किया है. इससे उन्हें काफी नुकसान होने की संभावना है.’ औजला ने कहा कि सिद्धू ड्रग्स और बेअदबी की घटना सहित कई मुद्दों पर मुखर रहे हैं. हालांकि उन्होंने शुरू से ही सार्वजनिक मंच पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. उनके इस रवैये ने लोगों के मन में एक खीझ पैदा की है.
आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल से बचें सिद्धू’
औजला ने कहा, ‘सिद्धू बड़े नेता हैं. बहुत सारे लोग उन्हें देखते हैं और उनका अनुसरण करते हैं. उन्हें विपक्षी दलों सहित नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. एक बड़े नेता को अपने भाषण में अनुशासित होना चाहिए. क्योंकि उसे राज्य और देश का नेतृत्व करना होता है.’ उन्होंने आगे कहा कि सिद्धू खुद एक स्टार प्रचारक हैं, लेकिन इसके बावजूद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपनी विधानसभा सीट पर अपने लिए खुद ही प्रचार करना पड़ा.
पंजाब में रविवार को डाले गए वोट
वहीं, अमृतसर (पूर्व) में कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है. क्योंकि इस सीट से सिद्धू की टक्कर शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से है. मजीठिया अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के बहनोई हैं. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने इस सीट से एक महिला उम्मीदवार जीवन ज्योत कौर को मैदान में उतारा है. औजला ने इस मुकाबले पर कहा कि अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट पर एक “त्रिकोणीय” राजनीतिक लड़ाई है. अमृतसर पूर्व सीट पर आम आदमी पार्टी और अकाली दल के लामबंद होने से त्रिकोणीय मुकाबला है. बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को एक ही चरण में 117 सीटों पर वोटिंग हुई है और नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.