बिहार राज्य

रायसीना हिल्स की रेस में नीतीश कुमार! पीके से मुलाकात के बाद विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा

इन दिनों बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार को विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा हो रही है. कहा जा रहा है कि पिछले दिनों नीतीश कुमार की प्रशांत किशोर से मुलाकात इस सिलसिले में ही हुई थी. पीके नीतीश कुमार का नाम सामने कर राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष से एक मजबूत उम्मीदवार उतारने की कोशिश कर रहे हैं.

कहा जा रहा है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे? हाल में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से उनकी मुलाकात इस सिलसिले में ही हुई है. नीतीश कुमार के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने और विपक्ष के उम्मीदवार बनने का दावा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में किया जा रहा है. इन रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने इसकी कवायद शुरू की है और प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार को तैयार करने से लेकर दूसरे दलों से संपर्क साधने की जिम्मेदारी दी है. बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में जब प्रशांत किशोर ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से हैदराबाद में मुलाकात की थी तो उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने का आइडिया दिया था. इसके बाद केसीआर इसके लिए तैयार हो गए. साथ ही केसीआर ने इसके लिए दूसरे दलों के नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी भी प्रशांत किशोर को ही दी. चर्चा तो इस बात के भी हैं कि दिल्ली में नीतीश कुमार से मुलाकात से पहले प्रशांत किशोर पटना में भी गुपचुप तरीके से बिहार के सीएम से इस बाबत मुलाकात कर लंबी चर्चा कर चुके हैं.

दावा ये भी किया जा रहा है कि पीके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेता शरद पवार से भी इस मसले पर मुलाकात कर चुके हैं और उनका समर्थन ले चुके हैं और अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा से समर्थन पाने के लिए प्रयासरत हैं. तो वहीं बिहार में तेजस्वी यादव से भी इस बावत पीके की मुलाकात हो चुकी है

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

नीतीश कुमार के विपक्ष के उम्मीदवार बनाने की कथित कवायद पर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रवि उपाध्याय का कहना है. अगर इस तरह की कोई कवायद हो रही है, तो इसके लिए कांग्रेस का साथ जरूरी है. काग्रेस के बिना मजबूत विपक्ष की कल्पना नहीं की जा सकती है. इसके बाद नीतीश कुमार निश्चय ही एक मजबूत चेहरा हो सकते हैं राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर. नीतीश कुमार की साफ सुथरी छवि है. इसलिए उनका विरोध नहीं होगा. लेकिन नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ छोड़ना होगा इसके बाद ही बीजेपी के धुर विरोधी दलों को उनका साथ मिल सकता है. साथ ही नीतीश कुमार को आरजेडी को भी अपने पाले में लाना होगा. आरजेडी नीतीश को समर्थन देने के बदले बिहार में तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की भी मांग कर सकती है.

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Pooja Pandey

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