
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोरोना के मामले में कमी के बाद शैक्षणिक संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की घोषणा कर दी है. जिसके एक सप्ताह बाद सोमवार को जम्मू प्रांत के अधिकांश हिस्सों में निचली कक्षाओं के छात्र भारी संख्या में स्कूल पहुंचे. हालांकि, कश्मीर और जम्मू क्षेत्र के शीतकालीन क्षेत्रों में स्कूल अगले सप्ताह दो महीने की लंबी शीतकालीन छुट्टी के बाद खुलने वाले हैं. 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा नियमित ऑफलाइन शिक्षण के लिए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, पॉलिटेक्निक और आईटीआई और कक्षाओं को 9 से 12 बजे तक खोलने की अनुमति दी है. जिसके बाद अधिकांश उच्च और उच्च माध्यमिक विद्यालय खुल गए हैं.
जम्मू विश्वविद्यालय और कश्मीर विश्वविद्यालय ने 1 मार्च से छात्रों के लिए ऑफलाइन कॉलेज फिर से खोलने का फैसला किया है. वहीं निचली कक्षा के सभी छात्र स्कूल खुलने से काफी उत्साहित हैं. एक निजी स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा गीतिका ने कहा, “अभी तक हम ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन आज हम अपने स्कूल में दोस्तों और शिक्षकों के बीच एक लंबे अंतराल के बाद वापस आकर खुश हैं.”
स्कूल खुलने से शिक्षकों में भी उत्साह
राजीव नगर स्थित शिक्षा निकेतन हायर सेकेंडरी के प्रिंसिपल रामेश्वर मेंगी ने कहा, “यह एक शिक्षक के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है, खासकर प्राथमिक और मध्यम वर्ग के छात्रों के लिए, क्योंकि उनके छात्र अपनी कक्षाओं में वापस आ गए हैं. हम इस तरह का निर्णय लेने के लिए प्रशासन के आभारी हैं.” छात्रों का कक्षाओं में स्वागत करते हुए मेंगी ने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि उन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक सावधानी बरती है. उन्होंने कहा कि छात्र अभी अपनी कक्षाओं को भी नहीं जानते हैं और उनमें से कुछ को प्री-प्राइमरी में पहली बार स्कूली शिक्षा का अनुभव होगा. “यह उन्हें मां की गोद से वापस स्कूल लाने जैसा है. शिक्षकों के लिए उन्हें कक्षा के माहौल में ढालना एक चुनौतीप है, लेकिन हमें सफलता पर भरोसा है.”
स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का करना होगा पालन
रविवार रात जारी एक आदेश में मुख्य सचिव एके मेहता की अध्यक्षता वाली राज्य कार्यकारी समिति (एसईसी) ने कहा कि संस्थानों के प्रमुख अपने-अपने स्कूलों में कोविड के नियमों के पालन के लिए जिम्मेदार होंगे. कोरोना से बचाव के लिए उचित योजना तैयार कर स्कूलों को चलाएंगे. निचली कक्षाओं के खुलने से पहले आदेश में कहा गया है, ” कोरोना के लक्षण वाले छात्रों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. किसी भी छात्र को बिना मास्क के स्कूल जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.” आदेश में कहा गया है कि संस्थानों के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करना है कि संस्थान के प्रवेश द्वार पर नियमित स्क्रीनिंग सहित सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोरोना से बचाव के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए.