आलिया भट्ट की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी रिलीज से पहले ही कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा बन चुकी है. गंगूबाई काठियावाड़ी के परिवार वालों ने यह दावा किया है कि पैसों के लालच में मेकर्स ने उनके परिवार को बदनाम कर दिया है.

कौन थीं गंगुबाई काठियावाड़ी ?
हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वींस ऑफ़ मुंबई के मुताबिक गंगूबाई काठियावाड़ी गुजरात की रहने वाली 16 साल की भोली भाली लड़की थी जिसने अपने से ज्यादा उम्र वाले लड़के से प्यार किया था. घर वालों के खिलाफ जाकर गंगूबाई ने अपने प्यार से शादी तो कर ली. लेकिन इस प्यार ने गंगूबाई को उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया जिन्होंने उनकी जिंदगी तबाही की ओर मोड़ दी. 16 साल की उम्र में पति रमणीक, जो उनके पिता का अकाउंटेंट हुआ करता था, उस पर भरोसा कर परिवार वालों को दगा देकर, गंगूबाई उसके साथ माया नगरी आ गई.
पति ने किया उनकी जिंदगी का 500 रूपए में सौदा
गुजरात से निकलकर गंगूबाई रमणीक के साथ मुंबई में रहने लगी. लेकिन इसी बीच रमणीक उन्हें मुंबई की मशहूर कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया की कोठे वाली को अपनी मौसी बताकर उन्हें मात्र ₹500 में बेच दिया. उनके पति ने उनकी जिंदगी का सौदा कर दिया था.
करीम लाला की बहन बनी गंगुबाई काठियावाड़ी
शौकत खान की घिनौनी हरकत का शिकार हुई गंगूबाई काठियावाड़ी जब करीम लाला के पास पहुंची, और उन्हें अपनी आपबीती बताई, तो करीम लाला ने गंगूबाई को अपनी बहन बना लिया और उनकी रक्षा करने का वादा भी किया. गंगूबाई ने करीम लाला को राखी बांधी और उन्हें अपना भाई बना लिया. उस दिन से गंगूबाई को कमाठीपुरा में लेडी डॉन के नाम से पुकारा जाने लगा. करीम लाला से जितना लोग खौफ खाते थे, उससे कई ज्यादा खौफ वह धीरे-धीरे गंगूबाई काठियावाड़ी से खाने लगे थे.
गंगुबाई के बच्चों ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
सुनने में आया है कि गंगुबाई उन मासूम लड़कियों को अपने कोठे पर रहने पर मजबूर नहीं करती थी, जो खुद न रहना चाहती हों. ऐसे में गंगूबाई काठियावाड़ी के परिवार वाले जो उनके किस्सों को बहुत गर्व से सुनाया करते थे, कि उनकी नानी गंगूबाई काठियावाड़ी सोशल वर्कर थीं, उनका कहना है कि फिल्म आने के बाद लोगों के दिमाग में उनकी छवि एक प्रॉस्टिट्यूट की बन गई है. जिससे परेशान आकार घरवालों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.