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छत्रपति शिवाजी की 392वीं जयंती पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, बताया ‘भारत का गौरव’

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती की शुरुआत महात्मा फुले ने की थी. उन्होंने रायगढ़ में शिवाजी महाराज के मकबरे की पहचान की.यह दिन सबसे पहले पुणे में मनाया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की 392वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ‘महान महानायक’ और भारत का गौरव बताया. उन्होंने कहा, ‘मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर नमन करता हूं. उनका उत्कृष्ट नेतृत्व और समाज कल्याण पर पीढ़ियों से लोगों को प्रेरणा देता रहा है. जब सच्चाई और न्याय के मूल्यों के लिए खड़े होने की बात आई तो वे अडिग थे. हम उनकी पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

वहीं पीएम मोदी ने कल मध्य रेलवे के ठाणे-दिवा खंड पर दो अतिरिक्त रेल लाइनों का उद्घाटन करने और नई उपनगरीय ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद भी शिवाजी को नमन किया.उन्होंने कहा, ‘कल छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती है. मैं भारत के गौरव, भारत की पहचान और उसकी संस्कृति के रक्षक को सलाम करता हूं जो एक महान महानायक थे.’ वहीं गोवा के सीएम प्रमोद सावंत और अन्य लोगों ने आज छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी.

महाराष्ट्र में इसे महाराज जयंती के रूप में मनाया जाता है
महाराष्ट्र में इसे ‘छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती’ के रूप में मनाया जाता है और इसे राज्य में सार्वजनिक अवकाश भी माना जाता है. महाराष्ट्र के लोग इस दिन को बहुत गर्व के साथ मनाते हैं और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों, जुलूसों का आयोजन करते हैं. इस वर्ष हम उनकी 392वीं जयंती मना रहे हैं. आइये जानते हैं शिवाजी के बारे में कुछ खास बातें और इस दिन से जुड़ी बुनियादी जानकारियां जो आपके काम आएंगी.

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का इतिहास और महत्व
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती की शुरुआत महात्मा फुले ने की थी. उन्होंने रायगढ़ में शिवाजी महाराज के मकबरे की पहचान की.यह दिन सबसे पहले पुणे में मनाया गया था. मराठा राजा की जयंती मनाने की परंपरा प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक द्वारा जारी रखी गई थी. उन्होंने लोगों के बीच शिवाजी के योगदान पर प्रकाश डाला.

ऐसे मनाई जाती है शिवाजी जयंती
शिवाजी जयंती महाराष्ट्र में राजकीय अवकाश है. यह बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है. मराठों के समृद्ध और विविध सांस्कृतिक इतिहास को भी इस दिन मनाया जाता है. बच्चे उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए शिवाजी के रूप में तैयार होते हैं. भोजन और अन्य मिठाइयाँ भी परोसी जाती हैं और बहुत उत्साह के साथ आनंद लिया जाता है.भारत के सबसे बहादुर और सबसे प्रगतिशील शासकों में से एक, छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे. 19 फरवरी, 1630 को जन्मे शिवाजी प्रमुख रईसों के वंशज थे.

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Harshita Ahuja

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