देश में सफाई के मामले में इंदौर लगातार हमेशा टॉप पर रहा है। अब एक और मामले में इंदौर एक मिसाल बनने जा रहा है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां एशिया के सबसे बड़े सीएनजी प्लांट का उद्घाटन करने वाले हैं। इस प्लांट में कचरे से बायोगैस का निर्माण किया जाएगा। यह उद्घाटन वर्चुअली किया जाएगा।

नए प्लांट की क्या खासियतें हैं, यह कितना अलग है और इंदौर शहर को इससे कितनी राहत मिलेगी, जानिए इन सवालों के जवाब…
नए प्लांट से मिलने वाली सीएनजी से 400 बसें चलेंगी
इस प्लांट में गीले कचरे से बायो सीएनजी गैस बनेगी. इस सीएनजी प्लांट में बनने वाली गैस से शहर की 400 बसें चलेंगी. उन्हें यहां से ईधन मिलेगा. हालांकि इस काम में काफी बिजली लगेगी, लेकिन इसमें आने वाले खर्च को कम करने के लिए सोलर पैनल का सहारा लिया जाएगा. धीरे-धीरे इन पैनल्स की संख्या को बढ़ाया जाएगा.
कचरे से होगी 2.5 करोड़ की कमाई
इस बायो सीएनजी प्लांट के लगने से इंदौर सालाना 16.5 करोड़ की कमाई करेगा. यहां पर गीले कचरे से रोजाना 550 टन बायो सीएनजी बनेगी. इस प्लांट के बनने के बाद इंदौर अब कचरे से कुल 16.5 करोड़ रुपए की कमाई करेगा.
सोलर एनर्जी से बनेगी बिजली
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बायो सीएनजी प्लांट में 18 हजार यूनिट बिजली लगेगी. इस बिजली की 20 फीसदी तक पूर्ति सोलर एनर्जी से होगी. प्लांट में सोलर पैनल लगाए जाएंगे. करीब एक से डेढ़ साल के अंदर प्लांट को पूरी तरह से सोलर एनर्जी से चलाए जाने की योजना बनाई गई है. हालांकि शुरुआती दौर में इसे बिजली पर निर्भर रहना होगा.