सिराथू विधानसभा सीट से सपा गठबंधन की प्रत्याशी पल्लवी पटेल बेरोजगारी के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही हैं. वह खुद को कौशांबी की बहू कहकर लोगों के दिल में जगह बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 150 किलोमीटर की दूरी पर बड़ा सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. हम बात कर रहे हैं कौशांबी के हाई प्रोफाइल सिराथू सीट की वही सिराथू जहां से मैदान में खुद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य हैं, जिन्हें टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी ने पल्लवी पटेल को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है. कौशांबी जिले की तीन सीटों में से सिराथू पर लड़ाई रोचक हो गई है, लेकिन बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि खुद केशव प्रसाद मौर्य का मैदान में होना है. सिराथू से बीजेपी प्रत्याशी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के सामने चुनाव लड़ रहीं सपा-अपना दल गठबंधन की प्रत्याशी पल्लवी पटेल की राह कठिन है.
सिराथू सीट पर बीजेपी-सपा की टक्कर
इस सीट पर सपा-गठबंधन पटेल, यादव, मुस्लिम और पालों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि केशव प्रसाद मौर्य की छवि ऐसे नेता की है, जो मिलनसार और सबको साथ लेकर चलने वाले हैं. खबर के मुताबिक कोरोना लॉकडाउन में बीजेपी की तरफ से गरीबों को बांटे गए मुफ्त राशन का भी क्षेत्र में प्रभाव माना जाता है. ऐसे में बीजेपी से गरीब वोटर्स को अपनी तरफ खींचना सपा गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा.
किसे मिलेगा जनता का आशीर्वाद?
क्षेत्र के लोग पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान योजना से भी खासा प्रभावित हैं. वहीं युवा के लिए ई श्रम योजना भी काफी प्रभाव डालने वाली है. ऐसे में पल्लवी के सामने केशव प्रसाद मौर्य को हराना बड़ी चुनौती होगी. एक तरफ डिप्टी सीएम तो दूसरी तरफ पल्लवी पटेल की कड़ी टक्कर इस सीट पर देखने को मिलेगी. अब जनता का आशीर्वाद किसे मिलता है ये तो 10 मार्च को ही पता चल सकेगा.