
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान आज डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक करेंगे. इसमें दोनों देशों के बीच समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता होने की संभावना है. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘इस बैठक में दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा के साथ ही साझा हितों से संबंधित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.’ समझा जाता है कि इस बैठक में दोनों नेता दोनों देशों के ऐतिहासिक और मित्रतापूर्ण संबंधों के बारे में अपनी दृष्टि पेश करेंगे.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण पहल समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता है. सीईपीए के लिए बातचीत सितंबर 2021 में शुरू हुई थी और यह पूरी हो गई है. मंत्रालय के अनुसार, यह समझौता भारत-यूएई आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को अगले स्तर पर ले जाएगा. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शिखर बैठक के दौरान भारत और यूएई द्वारा सीईपीए पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
दोनों नेताओं ने कोविड -19 के दौरान नियमित रूप से एक-दूसरे से बात की और एक-दूसरे की मदद की। यूएई द्वारा वहां रह रहे 35 लाख भारतीय लोगों का अच्छे से ख्याल रखा गया। वहीं, अगस्त 2020 में एयर बबल में छूट मिलने से अधिकांश लोगों को रोजगार और व्यवसाय पर दोबारा लौटने में मदद मिली।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘यूएई में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं, जिनकी संख्या 35 लाख के करीब है। प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान भारतीय समुदाय का ख्याल रखने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व की सराहना की है। यूएई नेतृत्व द्वारा भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की गई। दोनों पक्षों ने महामारी के दौरान 2020 में एक एयर बबल अरेंजमेंट पर सहमति व्यक्त की थी, जिसने कोविड -19 द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद दो देशों के बीच लोगों की आवाजाही को सक्षम बनाया है।’
यह बैठक संयुक्त अरब अमीरात के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री की नई दिल्ली की यात्रा के साथ जोड़कर देखी जा सकती है। मुक्त व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए दोनों पक्ष बातचीत कर रहे हैं।