ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने पर लोगों से भारी जुर्माना वसूला जाता है. बिना टिकट यात्रा करने पर वसूली जाने वाली जुर्माने की राशि, टिकट की कीमत के मुकाबले काफी ज्यादा होती है.

देश की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेनों में रोजाना करोड़ों यात्री सफर करते हैं. यात्रियों को सुविधाजनक, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सेवाएं देने के लिए भारतीय रेल करोड़ों रुपये खर्च करके दिन-रात काम करती है. लेकिन, ट्रेनों में बिना टिकट सफर करने वाले यात्रियों की वजह से रेलवे को हर साल भारी नुकसान होता है. हालांकि, भारतीय रेल बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाती रहती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय रेल बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों से वसूली करके भी अच्छी-खासी कमाई कर लेती है. बता दें कि रेलवे के नियम-कानूनों के मुताबिक निम्न श्रेणी की टिकट लेकर उच्च श्रेणी के डिब्बे में यात्रा करना भी कानूनन जुर्म है.
अधिनियम 1989 की धारा 155 के तहत वसूला जाता है जुर्माना
ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने पर लोगों से भारी जुर्माना वसूला जाता है. बिना टिकट यात्रा करने पर वसूली जाने वाली जुर्माने की राशि, टिकट की कीमत के मुकाबले काफी ज्यादा होती है. इतना ही नहीं, कई लोग तो जनरल क्लास की टिकट खरीदकर स्लीपर क्लास में चढ़ जाते हैं या स्लीपर क्लास की टिकट खरीदकर एसी डिब्बों में बैठ जाते हैं. आपको बता दें कि रेल यात्रा के दौरान निम्न क्षेणी की टिकट खरीदकर उच्च क्षेणी के डिब्बे में यात्रा करना भी कानूनन अपराध है.
रेल अधिनियम 1989 की धारा 155 के तहत रिजर्वेशन वाले डिब्बे में अवैध रूप से प्रवेश करने पर 500 रुपये तक का जुर्माना वसूला जाता है. भारतीय रेल आए दिन अपने आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यात्रियों को रेलवे के नियम और कानूनों के प्रति जागरूक करती रहती है. इसी सिलसिले में भारतीय रेल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर यात्रियों से अपील की है कि वे सिर्फ वैध टिकट के साथ ही ट्रेनों में सफर करें. रेलवे ने कहा है कि अनाधिकृत रूप से आरक्षित डिब्बे में प्रवेश करना एक दंडनीय अपराध है.
कई बार जगह न मिलने पर दूसरे डिब्बे में चले जाते हैं यात्री
बता दें कि कई बार यात्री निम्न श्रेणी की टिकट खरीदकर उच्च श्रेणी के डिब्बे में चले जाते हैं क्योंकि जिस श्रेणी के लिए वे टिकट खरीदते हैं, उस श्रेणी के डिब्बे में उन्हें बैठने या सोने के लिए जगह नहीं मिलती है. इसके अलावा, कई बार तो कुछ यात्री जाने-अनजाने में भी निम्न श्रेणी की टिकट लेकर उच्च श्रेणी के डिब्बे में चले जाते हैं. जिसके बाद पकड़े जाने पर उन्हें जुर्माना देना पड़ता है