विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ओआईसी भारत के खिलाफ नफरत का प्रोपेगेंडा फैला रहा है.
कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद मामले पर ‘भ्रामक’ टिप्पणी देने को लेकर भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन पर निशाना साधा है. भारत ने ओआईसी को साफ किया कि संवैधानिक ढांचे और लोकतांत्रिक लोकाचार के अनुरूप ऐसे मसले को हल किया जाता है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने देश में मुसलमानों के कथित उत्पीड़न की इस्लामिक सहयोग संगठन ओआईसी की टिप्पणी को खारिज कर दिया. मंत्रालय ने ओआईसी पर सांप्रदायिक मानसिकता रखने और नफरत का प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगाया.
दरअसल, कर्नाटक के कुछ स्कूलों में ड्रेस कोड को लेकर उठे विवाद पर ओआईसी के महासचिव ने भारत से मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने को कहा था. जिसपर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘ओआईसी भारत के खिलाफ नफरत का प्रोपेगेंडा फैला रहा है.’ उन्होंने कहा कि भारत में मुद्दों को संवैधानिक ढांचे और तंत्र के साथ-साथ लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति के अनुसार हल किया जाता है.

क्या कहा था ओआईसी ने?
ओआईसी महासचिव की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव उत्तराखंड के हरिद्वार में हाल में हिंदुत्व के समर्थकों द्वारा मुसलमानों के नरसंहार के सार्वजनिक आह्वान, सोशल मीडिया साइटों पर मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाओं के साथ-साथ कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं.’
बयान में भारत को संबोधित करते हुए आगे कहा गया, ‘ओआईसी एक बार फिर भारत से आग्रह कहता है कि वो अपने नागरिकों के जीने के अधिकार की रक्षा करते हुए मुस्लिम समुदाय और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उनके खिलाफ हिंसा और घृणा के अपराधों को भड़काने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा करे.’