दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलोन मस्क और भारत के सबसे अमीर आदमी अम्बानी के बीच सबसे सस्ते इंटरनेट को लेकर जंग छिड़ी हुई है

एक जिसका इलेक्ट्रिक कारों के बाजार पर कब्जा है और दूसरा जो टेलीकॉम इंडस्ट्री पर राज करता है. दोनों के बीच अब एक मुकाबला होने जा रहा है. इस मुकाबले का अखाड़ा बनेगा भारत जैसा बड़ा बाजार… जहां, दुनिया की हर कंपनी अपनी प्रॉडक्ट लॉन्च करना चाहती है. एलन मस्क भी भारतीय बाजार में हिस्सेदारी चाहते हैं. मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अगर लोगों को सस्ती और बेहतर इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने की योजना बनी रही है जिसका मतलब साफ है कि इसकी टक्कर मुकेश अंबानी के जियो से होगी. रिलायंस जियो इंटरनेट को लेकर एक और बड़ी तैयारी कर रहा है. मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस जियो जल्द ही सेटेलाइट बेस्ड ब्रांडबैंड कनेक्शन देने की तैयारी कर रहा है. इसकी मदद से यूजर्स को 100Gbps की दमदार स्पीड मिल सकती है, जिसके लिए सेटेलाइट का इस्तेमाल किया जाएगा और सेटेलाइट की मदद से ही यूजर्स को किफायती ब्रांडबैंड कनेक्शन देने की कोशिश में है. जानकारी के लिए बता देते हैं कि एक यूजर्स तक सेटेलाइट से इंटरनेट पहुंचाने में मल्टी ऑर्बिट स्पेस नेटवर्क का इस्तेमाल होगा.
सेटेलाइट से इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए रिलायंस जियो ने SES के साथ पार्टनरशिप की है. इस नेटवर्क में जियोस्टेशनरी और मीडियम अर्थ ऑर्बिट सेटेलाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा. इस नेटवर्क के मल्टी गीगाबाइटि लिंक की मदद से भारत और भारत के पड़ोसी देशों की इंडस्ट्री, मोबाइल और आम जन भी कनेक्ट हो सकेंगे. बताते चलें कि जॉइंट वेंचर में प्रतिशत जियो की साझेदारी है और 49 प्रतिशत SES की हिस्सेदारी है.
हर कोने में पहुंचेगा किफायती ब्रॉडबैंड इंटरनेट
इस डील की मदद से रिलायंस जियो अगले कुछ वर्षों में 100 मिलयन अमेरिकी डॉलर्स के गेटवे और उपकरण खरीदेगा. साथ ही जॉइंट वेंचर में एसईएस अपने मॉडर्न सेटेलाइट देगा. कंपनी ने ऑफिशियल बयान में बताया है कि कोविड -19 ने सिखाया है कि नई डिजिटल इकॉनोमी में पूर्ण भागीदारी के लिए ब्रांडबैंड तक पहुंच जरूरी है. यह भारत में दूरस्थ स्थलों तक किफायती इंटरनेट पहुंचाने के काम आएगा.
कोविड-19 के दौरान महंगे ब्रांडबैंड की वजह से परेशानी
कोविड-19 के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए पहली बार जब लॉकडाउन को लगाया गया था, तब महंगे ब्रांड के चलते कई लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था और छात्रों की शिक्षा भी प्रभावित हुई थी. कंपनी ने कहा कि यह जॉइंट वेंचर प्रधानमंत्री की ‘गति शक्ति: मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ को आगे बढ़ाने का जरिया बनेगा.
5जी निवेश के बारे में भी दी जानकारी
जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा है कि वह अपनी फाइबर-आधारित कनेक्टिविटी और एफटीटीएच बिजनेस के साथ 5G के लिए निवेश को जारी रखेगी. दूसरी तरफ एसईएस के साथ यह नया जॉइंट वेंचर मल्टीगीगाबिट ब्रॉडबैंड के विकास को और गति प्रदान करेगा.