
महंगाई की तीसरी लहर आने वाली है. वित्त मंत्री ने बजट भाषण सुना दिया. आरबीआई गर्वनर क्रेडिट पॉलिसी समझा गए, लेकिन महंगाई एक ऐसा मर्ज है. जिसकी वैक्सीन कहीं नहीं! तेल, साबुन, मंजन से लेकर रोजमर्रा की तमाम चीजों के दाम बीते तीन महीनों में दो बार बढ़ चुके. तीसरी बढ़ोतरी की मुनादी भी पिट गई है. नवंबर और जनवरी में दो बार दाम बढ़ाने के बाद फँसज, हेल्थकेयर, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां फिर दाम बढ़ाने जा रही हैं. वजह वही पुरानी है. महंगा कच्चा माल और कंपनियों के मार्जिन पर बढ़ता दवाब है.
आइए जानें पूरा मामला
बिस्किट, नमकीन, तेल, साबुन बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियां भी कतार में है. बिस्केट बनाने वाली दिग्गज कंपनी ब्रिटानिया चौथी दफा दाम बढ़ाने की तैयारी कर रही है. कंपनी मार्च तक कीमतों में 10 फीसदी तक इजाफा कर सकती है. कंपनी का कहना है कि चीनी, गेहूं, पाम ऑयल जैसे कच्चे माल महंगे हो गए हैं और मजबूरन दाम बढ़ाने होंगे..कंपनी 2021-22 की पहली तिमाही में 1%, दूसरी तिमाही में 4% और तीसरी तिमाही में 8% दाम बढ़ा चुकी है. यानी हर तिमाही में दाम बढ़े हैं.
यही वजह है कि एफएमसीजी कंपनियों के वॉल्यूम गिरने के बाद भी मुनाफे बढ़े हैं. वॉल्यूम गिरना यानी कंपनियों का माल कम बिका. ज्यादा चिंता गांव से है. वहां आय टूटने से मांग पर असर हुआ है. उधर डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा कहते हैं, “कंपनी ने महंगाई के असर को कम करने के लिए सभी प्रोडक्ट्स रेंज के दाम बढ़ाए हैं.” हेल्थकेयर पोर्टफोलियो में कंपनी ने हनीटस, पुदीन हरा और च्यवनप्राश की कीमत 10 फीसदी तक बढ़ाई है. अब कंपनी एक बार फिर कीमतें बढ़ाने जा रही है.
सौंदर्य के बाजार को भी महंगाई की नजर लग गई है. दुनिया की सबसे बड़ी ब्यूटी प्रोडक्ट कंपनी लोरियल के लिए पेट्रोकेमिकल्स से जुड़े कच्चे माल की महंगाई सिरदर्द बनी हुई है. कंपनी का कहना है कि महंगाई बढ़ने का ट्रेंड एक बड़ी चिंता है. लोरियल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित जैन कहते हैं, “पिछले साल प्राइस हाइक का एक राउंड हो चुका है और अब दूसरा राउंड इस साल मध्य तक पूरा होगा.” अनुमान है कि कंपनी 5 से 6 फीसदी तक दाम बढ़ा सकती है. यानी खाना पीना, सजना-सबरना, घर रसोई सबकुछ महंगाई की आंच में तपने वाले हैं और यही भारतीय रिजर्व बैंक की सबसे बड़ी चिंता है.