
देश में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है. दैनिक मामले भी 60 हजार से नीचे आ गए हैं, लेकिन पांच राज्यों में अभी भी कोरोना से हालात सामान्य नहीं हुए हैं. देश के कुल एक्टिव मरीजों में से 65 फीसदी एक्टिव केस इन राज्यों में हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के सबसे अधिक एक्टिव केस केरल में 233747 हैं, महाराष्ट्र में 74108, तमिलनाडु में 66992, कर्नाटक में 52047 और राजस्थान में 29530 केस हैं. पांच राज्यों में कुल मिलाकर केस 456,424 हैं. देश में एक्टिव केस की कुल संख्या 697802 है. इस हिसाब से देखें तो इन राज्यों में कुल एक्टिव केस का 65.4 प्रतिशत है.
सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर का पीक बीत चुका है. अगले एक से दो सप्ताह में यह लहर खत्म हो सकती है. इन पांच राज्यों में भी केस कम हो रहे हैं. एक्टिव केस इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि इन राज्यों में सबसे आखिर में कोरोना का पीक आया था. उदाहरण के तौर पर केरल में कोरोना का पीक पिछले सप्ताह ही बीता है. ऐसे में एक्टिव केस की संख्या घटने में समय लगेगा. अन्य चार राज्यों में भी यही स्थिति है. उन्होंने कहा कि इन सभी राज्यों में भी पीक निकल गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में एक्टिव केस कम होने की उम्मीद है. हालांकि केरल में मौत के आंकड़ों का बढ़ना एक चिंता का कारण है. यह जानने की जरूरत है कि इस राज्य में डेथ अधिक क्यों हो रही है. केरल काफी दिनों से मौतों के पुराने आंकड़े भी जारी कर रहा है. यानी, इस राज्य में महामारी का असर काफी गंभीर रहा है.
ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट BA.2 के बारे में डॉ. किशोर का कहना है कि ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट से कोई खतरा नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी वैरिएंट के सब वैरिएंट्स में उसके जैसे ही लक्षण होते हैं. चूंकि अब एक बड़ी आबादी ओमिक्रॉन से संक्रमित हो चुकी है. ऐसे में इसके अन्य वैरिएंट से कोई खतरा नही होगा, हालांकि अगर दुनिया के किसी हिस्से में कोई नया वैरिएंट आता है और वह तेजी से फैलता है तो खतरा हो सकता है, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि नया वैरिएंट इम्यूनिटी पर कितना असर कर रहा है.