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कांग्रेस में एंट्री होते ही हरक ने दिखाई ताकत ,महिला नेता का सस्पेंशन कराया रद्द

कांग्रेस के प्रचार-प्रसार में झोकेंगे पूरी ताकत,भाजपा से बदला….हरक सिंह रावत की जिंदगी का अब बस एक ही मकसद पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत अब कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रचार का अहम हिस्सा होंगे। कांग्रेस के चुनावी प्रचार में वह अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे और भारतीय जनता पार्टी से बदला लेंगे।

पिछले दिनों ही कांग्रेस में लौटे हरक सिंह रावत एक बार फिर फॉर्म में दिखाई दे रहे हैं. हरक सिंह रावत को पार्टी तहजीह दी रही है और उनकी बातों को भी मान रही है. असल में हरक सिंह कांग्रेस में कई साल रहे और 2016 में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा. लेकिन वर्तमान विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें बीजेपी ने बाहर कर दिया. लेकिन कांग्रेस में री-एंट्री के बाद हरक सिंह कांग्रेस में मजबूत हो रहे हैं. इस बात का सबूत ये है कि तीन दिन पहले जिस महिला नेता को कांग्रेस से बाहर कर दिया था. उसे हरक सिंह दो दिन में वापस लेकर आए हैं और उसका निलंबन रद्द करवा दिया है.

चर्चा है कि हरक के करीबी नेता के निलंबन रद्द होने के बाद पार्टी बागियों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में बैकफुट पर आ गई है. पार्टी ने दो दिन पहले ही रुद्रप्रयाग में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पूर्व प्रत्याशी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. लेकिन बुधवार को ही पार्टी ने उनका निलंबन रद्द कर दिया है. बताया जा रहा है कि इसके पीछे हरक सिंह रावत ने दबाव बनाया था. जिसके बाद लक्ष्मी राणा को पार्टी में वापस लाया गया है. लक्ष्मी राणा को हरक सिंह का करीबी नेता माना जाता है और जब भी हरक सिंह राज्य में अहम पदों पर रहे हैं. लक्ष्मी राणा को अहम पदों पर नियुक्ति मिलती है. वहीं पिछले दिनों ही हरक सिंह अपनी बहू को लैंसडौन सीट से टिकट दिलाने में कामयाब हुए थे. जबकि कहा जा रहा था कि ना तो हरक और ना ही हरक की बहू को विधानसभा चुनाव में टिकट मिलेगा.

लक्ष्मी राणा मामले में कांग्रेस ने दी सफाई

वहीं कांग्रेस के महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि लक्ष्मी राणा ने स्पष्टीकरण का जवाब दे दिया है और इस जवाब के आधार पर उनका निलंबन रद्द कर दिया गया है. गौरतलब है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने हाल ही में कांग्रेस में वापसी की है और एक बार फिर उनका दबाव काम आया है और इसके जरिए वह अपने करीबी लक्ष्मी राणा का निलंबन रद्द कराने में सफल रहे हैं. वहीं हरक सिंह की पैरवी पर ही लक्ष्मी राणा को लैंसडौन विधानसभा में प्रचार की जिम्मेदारी भी दी गई है, जहां से हरक सिंह की बहू चुनाव लड़ रही है.

कांग्रेस ने चार नेताओं को पार्टी से निकाला

फिलहाल विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले कांग्रेस बागियों को लेकर सख्त हुई है और पार्टी ने यमुनोत्री विधानसभा सीट पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष समेत चार लोगों को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है. कांग्रेस ने पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हंसपाल बिष्ट, सुनील वरुण, वरदेव सिंह, उर्विदत्त गुरली को पार्टी के खिलाफ प्रचार करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से बाहर किया है.

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Pooja Pandey

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