भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 1975 से अब तक भारतीय मूल के कुल 129 सैटेलाइट्स और 36 देशों के 342 विदेशी सैटेलाइट्स को लॉन्च किया है. परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में इसकी जानकारी दी है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि विदेशी सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग से इसरो को कमाई भी होती है. पिछले तीन साल में हुई विदेशी सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग से इसरो ने 80 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है.

इसरो द्वारा जिन विदेशी सैटेलाइट्स को लॉन्च किया जाता है, उनमें से अधिकतर अर्थ ऑब्जरवेशन, वैज्ञानिक प्रयोग और तकनीकी प्रदर्शन के लिए थे. दरअसल, इसरो की पहचान दुनिया में सबसे सस्ते लॉन्च करने वाले संगठन के तौर पर होती है. इस वजह से अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश भी लॉन्चिंग के लिए इसरो से संपर्क करते हैं. अधिकतर विदेशी लॉन्चिंग छोटे और मध्यम आकार के सैटेलाइट्स की होती है. इनके लिए दुनियाभर के देश भारत की स्पेस एजेंसी से संपर्क करते हैं. भारत ने पिछले कुछ दशकों में स्पेस क्षेत्र में अपनी बढ़त को मजबूत किया है.
अंतरिक्ष विभाग का बजट बढ़ाया गया
वहीं, सरकार भी स्पेस सेक्टर में हो रहे विकास को तेज करने के लिए निवेश कर रही है. यही वजह है कि इस बार 2022-23 के बजट में अंतरिक्ष विभाग के लिए 13,700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया. पिछले साल के 12,642 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल आवंटन में 1058 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई. इस आवंटन का बड़ा हिस्सा (10,534 करोड़ रुपये) अंतरिक्ष तकनीक के तहत उपलब्ध कराया गया है, जिसके अंतर्गत इसरो के अधिकांश केंद्र आते हैं. इसरो इस साल के अंत में गगनयान के तहत देश के पहले मानवरहित अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने वाला है.
चार देशों के साथ इसरो ने लॉन्चिंग के लिए किया है सौदा
इससे पहले, पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि इसरो ने विदेशी सैटेलाइट्स के लॉन्चिंग के लिए चार देशों के साथ छह करार पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे 13.2 करोड़ यूरो की कमाई होगी. राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसरो ने अपनी वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इण्डिया लिमिटेड के माध्यम से वाणिज्यिक आधार पर पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल में अन्य देशों के सैटेलाइट लॉन्च करता रहा है.
जितेंद्र सिंह ने बताया कि एनएसआईएल ने वर्ष 2021-2023 के दौरान पीएसएलवी द्वारा अंतरिक्ष में विदेशी सैटेलाइट्स के लॉन्चिंग की खातिर चार देशों के ग्राहकों के साथ छह लॉन्च सेवा करार पर हस्ताक्षर किए हैं. वाणिज्यिक आधार पर इन विदेशी सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग से लगभग 13.2 करोड़ यूरो का राजस्व प्राप्ति होगा.