हिजाब विवाद: “चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की एक जोड़ी हो या हिजाब, यह तय करने का अधिकार सिरफ महिला को है कि क्या पहनना चाहती है। यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत है। महिलाओं को परेशान करना बंद करें”

प्रियंका गांधी वाद्रा ने कर्नाटक के कुछ शिक्षण संस्थानों में हिजाब को लेकर खड़े हुए विवाद को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा, यह फैसला करना महिलाओं का अधिकार है कि उन्हें क्या पहनना है तथा पहनावे को लेकर उत्पीड़न बंद होना चाहिए. उन्होंने “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” हैशटैग से ट्वीट किया, चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस हो या हिजाब हो, यह फैसला करने का अधिकार महिलाओं का है कि उन्हें क्या पहनना है.
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘इस अधिकार की गारंटी भारतीय संविधान ने दी है. महिलाओं का उत्पीड़न बंद करो.’ कर्नाटक के कुछ शिक्षण संस्थानों में हाल के दिनों में ‘हिजाब’ के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन हुए हैं. इस विवाद के बीच राज्य सरकार ने प्रदेश में अगले तीन दिन तक स्कूल और कॉलेज में अवकाश की घोषणा की है.
कर्नाटक में हिजाब पर हो रहे हंगामे पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा, हमारे देश में अल्पसंख्यक लोगों के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक अधिकार बराबर हैं. इसलिए हिजाब पर किसी तरह का हंगामा ठीक नहीं है. जो संस्थान हैं उनके अपने ड्रेस कोड होते हैं, उस पर सांप्रदायिक कील मत ठोकिए. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए जानबूझकर ये किया गया है, कुछ लोग हिन्दू-मुस्लिम को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कर्नाटक हमेशा एकजुट होकर रहा है. इसके पीछे राजनीतिक पार्टियां काम कर रही हैं.
कैसे शुरू हुआ हिजाब विवाद?
कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कक्षा में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज परिसर से बाहर चले जाने को कहा गया. यह मुद्दा अब राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी फैल गया है. दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा समर्थित युवा हिन्दू भगवा गमछा डालकर इस मामले में कूद पड़े हैं. उसके बाद कभी पुलिस के साथ छात्रों की झड़प की खबरें सामने आयी तो कभी अभिभावक पत्थर फैंके जाने की खबरों ने राज्य सरकार की परेशानी को बढ़ाया