आपने किताबों में या फिर इंटरनेट पर देखा होगा कि पृथ्वी गोल होती है और इस पर पानी भी दिखाई देता है. लेकिन, कभी सोचा है कि आखिर ये पानी गिरता क्यों नहीं है.

जब भी आपने पृथ्वी का मॉडल देखा होगा, तो आपने देखा होगा कि पृथ्वी पर अलग अलग देश दिखाई देते हैं. इन देशों के नक्शे के अलावा हर तरफ पानी पानी ही दिखाई देता है. इसके अलावा आप ये भी जानते हैं कि पृथ्वी अंतरिक्ष में है और सूर्य के चक्कर लगाने के साथ ही अपने अक्ष पर भी घूम रही है. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि जब पृथ्वी गोल होती है और अंतरिक्ष में घूमती रहती है तो पृथ्वी की सतह पर ये पानी कैसे टिका रहता है. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ये पानी स्पेस में गिरता क्यों नहीं है. पृथ्वी पर मौजूद पानी के नीचे ना गिरने का कारण है गुरुत्वाकर्षण बल. दरअसल, गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी हर चीज को अपनी ओर आकर्षित करता है.ऐसे में होता है क्या है कि पृथ्वी का सेंटर पॉइंट हर सामान को अपने से चिपका कर रखता है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ गुरुत्वाकर्षण नीचे की तरफ काम करता है, बल्कि हर सिरे से पृथ्वी की ओर से सामान को आकर्षित करता है.ये ही कारण है कि पृथ्वी के हर हिस्से में गुरुत्वाकर्षण काम करता है और हर चीज जमीन से टिकी रहती है. इस वजह से पानी भी जमीन से चिपका रहता है.जमीन के अंदर आखिर कितना पानी है?- आपने ऊपर पढ़ा कि पानी का 97 फीसदी समंदर में है. प्रो गुप्ता ने आगे बताया कि 1.6 फीसदी पानी जमीन के नीचे है, जबकि 0.001 फीसदी हिस्सा वाष्प और बादलों के रूप में है. केवल तीन प्रतिशत पानी पीने योग्य है जिसमें से 2.4 फीसदी ग्लेशियरों और उत्तरी-दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है. उन्होंने बताया कि केवल 0.6 फीसदी पानी नदियों, झीलों और तालाबों में है, जिन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है.