#इलेक्शन की खबरें उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव 2022

यूपी चुनाव 2022: योगी आदित्यनाथ ने श्रीश्री गोपाल मंदिर और गुरुद्वारे पहुंचकर टेका माथा!

गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार सुबह श्रीश्री गोपाल मंदिर मोहद्दीपुर में पूजा की। इसके बाद उन्होंने मोहद्दीपुर गुरुद्वारा में माथा टेक कर सिख समाज से समर्थन मांगा।

यूं तो चुनाव के समय नेताओं का मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे जाना आम बात है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर के श्रीश्री गोपाल मंदिर फिर गुरुद्वारे जाना और फिर सिख समाज से समर्थन मांगना चर्चा का विषय बन गया है। उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब चुनाव तक इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हर कोई अपने-अपने तरीके से इसका मतलब निकालने में जुटा हुआ है। आइये समझते हैं सीएम योगी के इस कदम के क्या सियासी मतलब हैं।

पहले जान लीजिए, श्रीश्री गोपाल मंदिर और गुरुद्वारे का क्या है महत्व?
गोरखपुर अमर उजाला के वरिष्ठ पत्रकार और लंबे समय से यूपी की राजनीति को कवर कर रहे संतोष सिंह बताते हैं कि गोरखपुर में सिखों की आबादी करीब 20 से 25 हजार है। इनमें 10 से 12 हजार वोटर्स हैं। यहां सिखों के लिए दो बड़े धार्मिक स्थल हैं। पहला श्रीश्री गोपाल मंदिर और दूसरा मोहद्दीपुर गुरुद्वारा। इन दोनों धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग पूजा और कीर्तन करने पहुंचते हैं।

योगी ने क्या कहा?
मंदिर में पूजा और गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात की और फिर एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस दौरान मंच से सीएम योगी ने पीएम मोदी और खुद को सिखों से जोड़कर बताया। गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों का जिक्र किया। बोले, ‘प्रधानमंत्री ने हाल ही में एलान किया है कि अब हर 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह साहिबजादों के साहस और न्याय की खोज के लिए उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास में भी कीर्तन कराते हैं।

सीएम योगी ने क्या संदेश देना चाहा?
श्रीश्री गोपाल मंदिर और गुरुद्वारे में जाकर सीएम योगी ने यूपी और पंजाब दोनों जगह के सिखों को भाजपा और खुद से जोड़ने की कोशिश की है। वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव कहते हैं, ‘ सीएम योगी के मंदिर और गुरुद्वारे जाने का कार्यक्रम करके भाजपा ने पंजाब के वोटर्स तक इसका संदेश देने की कोशिश की है। अभी तक यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस का कोई बड़ा नेता गुरुद्वारे नहीं पहुंचा है। सीएम योगी पहले नेता हैं, जिन्होंने सिखों को जोड़ने के लिए खुले मंच से ऐसा किया। वह ऐसा करके चार तरह का संदेश देना चाहते हैं।

  1. भाजपा हमेशा सिखों के लिए सोचती है और उन्हें आगे बढ़ाने का काम करती है।
  2. आज तक किसी भी सरकार ने सिख धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए कुछ नहीं किया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को शहीदी दिवस मनाने का एलान कर दिया।
  3. यूपी के सीएम कार्यालय में रोजा इफ्तार पार्टी नहीं होती है, लेकिन कीर्तन जरूर कराया जाता है।
  4. सिखों के गुरुओं ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। आज धर्म की रक्षा के लिए सिखों को आगे आना होगा।

यूपी में सिख वोटर्स की संख्या?
2011 की जनसंख्या के अनुसार उत्तर प्रदेश में करीब सात लाख सिख हैं। सिख वोटर्स की बात करें तो पूरे यूपी में करीब 40 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां पर सिख वोटर्स अहम हैं। लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, कानपुर जैसे कई शहरों में सिख वोटर्स की संख्या काफी अधिक है। 1984 के सिख दंगे के बाद से यूपी में ज्यादातर सिख वोटर्स भाजपा के साथ रहे हैं। इस बार लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई घटना के बाद से चर्चा थी कि सिख वोटर्स भाजपा से नाराज हैं। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रहने वाले सिख वोटर्स में ज्यादा नाराजगी बताई जा रही है।

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.