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क्या पंजाब में सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने आए हैं ‘राजनीतिक दल’?

कनाडा में सिख या पंजाबी मंत्री हो सकते हैं लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में नहीं. केजरीवाल के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, गृह सचिव, वित्त सचिव, समाज कल्याण और विकास, जेल, शिक्षा या स्वास्थ्य सचिव – इनमें से कोई भी पंजाबी नहीं है.

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पंजाब में सत्ता की दौड़ में सबसे आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि दौड़ में ‘आप’ के आगे होने का अनुमान लगाया जा रहा है. उनकी पार्टी, जो कई सालों तक बीजेपी के साथ गठबंधन में थी, अब मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर रही है.बादल की पार्टी के नेता नशीले पदार्थों और पवित्र ग्रंथों की बेअदबी जैसे मुद्दों पर सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के लगातार हमले का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने अपने साले बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ खड़ा कर राज्य के चुनावी नैरेटिव को बदलने की कोशिश की है. जैसे-जैसे चुनाव प्रचार तेज हो रहा है, वे अपनी पूर्व सहयोगी बीजेपी पर कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह – कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री थे जो कि पार्टी से बाहर हो गए थे और अब बीजेपी के सहयोगी हैं – उन पर निशाना साध रहे हैं.

एसएस धालीवाल को दिए एक इंटरव्यू में, सुखबीर सिंह बादल ने प्रमुख मुद्दों, विरोधियों के साथ गठजोड़ और किसानों के कर्ज माफी को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दिया:

Q. पंजाब में 20 फरवरी को होने वाले चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे क्या हैं?

पहला मुद्दा शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करना होना चाहिए. कांग्रेस का पंजाब में सांप्रदायिक सदभाव तोड़ने का रिकॉर्ड रहा है. 15 सालों से पंजाब साम्प्रदायिक राजनीति का शिकार रहा है. अब, बाहर का यह आदमी (अरविंद केजरीवाल) पंजाब में फिर से वही काम शुरू कर रहा है जो कांग्रेस ने हिंदुओं और सिखों को अलग-अलग करके किया था. क्या यह पंजाबियों और सिखों के साथ अन्याय नहीं है?

ऐसा लगता है कि पंजाब में हिंदू और सिख धार्मिक भावनाओं को भड़का कर जानबूझकर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जा रही है. खुशकिस्मती से, ‘अकाल पुरख’ और महान गुरू साहिब की कृपा से, न तो कांग्रेस और न ही केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप इन दो समुदायों को बांटने में सफल होगी. हम बाहरी लोगों की साजिशों के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. बेरोजगारी से लड़ने और लोक कल्याण की योजनाओं पर ध्यान देने के साथ हर क्षेत्र में विकास शिरोमणी अकाली दल-बसपा गठबंधन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. यह सब तभी संभव है जब हमारे पास एक अच्छी सरकार हो जो ‘नौटंकी’ ग्रुप से मिलती-जुलती न हो.

Q. लोग आप, कांग्रेस या बीजेपी आदि के बजाय शिरोमणी अकाली दल-बसपा को क्यों चुनें?

आप पहले ही देख चुके हैं कि कैसे भगवंत मान और नवजोत सिंह सिद्धू ने राजनीति को एक सर्कस शो में बदल दिया है. एक सस्ती कॉमेडी में माहिर है जबकि दूसरा नौटंकी वाले भाषणों के लिए. उनमें से कोई भी लोगों के सामने आने वाले कठिन मुद्दों के बारे में बात नहीं कर रहा है.

Q. ड्रग्स और बेअदबी के मामले पर आपका क्या कहना है? इन मुद्दों के कारण अकाली दल पर हमले क्यों हो रहे हैं?

पांच साल से अधिक समय से, पंजाब के लोगों ने देखा है कि कैसे कांग्रेस सरकार ने दोनों अपराधों के असली अपराधियों को भागने दिया, क्योंकि उनका एक ही मकसद था इसका सारा इल्जाम अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी – शिरोमणी अकाली दल पर डालना.

Q. आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?

मैं यह नहीं कहता. देश की सर्वोच्च न्यायपालिका, सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक प्रतिशोध से ऐसे मामले दर्ज करने के लिए उन्हें फटकार लगाई है. ड्रग्स मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर से कहा है कि पंजाब सरकार चुनाव की पूर्व संध्या पर इन मामलों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कर रही है. इसके पहले हाईकोर्ट ने भी बेअदबी का मामला खारिज कर दिया था. ‘बेअदबी’ और ड्रग्स के मुद्दे पर हमारे विरोधियों को अदालत ने पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है.

Q. पंजाब में ‘मौका’ मांगने वाले अरविंद केजरीवाल पर आपकी क्या राय है?

उन्होंने दिल्ली सरकार में या पंजाब के बाहर अपनी पार्टी में किसी भी पंजाबी को कभी कोई ‘मौका’ नहीं दिया.

उनकी दिल्ली सरकार में एक भी सिख या पंजाबी मंत्री नहीं है, एक भी बोर्ड या निगम का अध्यक्ष या निदेशक नहीं है, ‘आप’ सरकार में एक भी सिख या पंजाबी वरिष्ठ अधिकारी नहीं है. क्यों? जबकि दिल्ली में पंजाबियों की दूसरी सबसे बड़ी तादाद है, खासकर पंजाब के बाहर सिखों की.

कनाडा में सिख या पंजाबी मंत्री हो सकते हैं लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में नहीं. केजरीवाल के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, गृह सचिव, वित्त सचिव, समाज कल्याण और विकास, जेल, शिक्षा या स्वास्थ्य सचिव – इनमें से कोई भी पंजाबी नहीं है. वह किस मुंह से पंजाबियों से ‘मौका’ मांगते हैं? और वो AAP सरकार और AAP संगठन में पंजाबियों के लिए इस नफरत को कैसे बयां करेंगे?

Q. आपने अमृतसर पूर्व में सिद्धू के खिलाफ बिक्रम मजीठिया को क्यों खड़ा किया?

मैं यहां करेक्शन करना चाहूंगा: हमने उसे सिद्धू के खिलाफ खड़ा नहीं किया है. सिद्धू ही उन्हें दिन रात चुनौती दे रहे थे. इसलिए, बिक्रम के पास जवाब देने के अलावा कोई चारा नहीं था. पंजाबियों को उन कायरों से नफरत है जो उनको दी जाने वाली चुनौती स्वीकार नहीं करते. और हर कोई जानता है कि बिक्रम को चुनौती पसंद है. ऐसे में उसके पास इसे स्वीकार करने के अलावा कोई चारा नहीं था. मैं इसे इस तरह से रखूंगा: सिद्धू ने खुद ही अपनी हार को आमंत्रित किया है, इस तरह नियति ने सिद्धू के आह्वान का जवाब दिया है.

Q. विरोधी पक्ष आरोप लगाते हैं कि अकाली दल ने किसी भी मसले पर कुछ नहीं किया, क्यों?

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के दोनों माननीय न्यायाधीशों ने अपनी टिप्पणियों में साफ तौर से कहा है कि अकाली नेताओं के खिलाफ मामले और मेरी सरकार के खिलाफ आरोप हमारे विरोधियों द्वारा राजनीतिक अवसरवाद और प्रतिशोध के उदाहरण हैं. केजरीवाल ने अपने नेतृत्व वाली दिल्ली की आप सरकार में सिखों और पंजाबियों को किसी भी पद पर रहने पर पाबंदी लगा दी है. 1947 के बाद शायद यह पहली बार है कि दिल्ली सरकार में एक भी पंजाबी या सिख मंत्री नहीं है, न ही कोई बोर्ड या कॉर्पोरेशन का चेयरमैन या डायरेक्टर.

मेरा सवाल है: उन्होंने दिल्ली में अपनी सरकार में सिखों और पंजाबियों दोनों के लिए दरवाजे क्यों बंद कर दिए हैं? उन्हें अपनी सरकार में या अपनी पार्टी में किसी भी महत्वपूर्ण पद पर एक पंजाबी या सिख का नाम लेने के लिए कहें.

Q. वे ऐसा क्यों करेंगे?

इसका जवाब देने के लिए वे ही सही व्यक्ति हैं. लेकिन पंजाबियों के प्रति उनकी नफरत और उनके प्रति पूर्वाग्रह के सबूत हैं. अपनी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल में उन्हें एक सिख या एक पंजाबी को अपनी सरकार या पार्टी में अच्छे पद पर शामिल करने का कोई मौका नहीं मिला, जबकि दिल्ली पंजाबी समुदाय के लोगों का गढ़ है. यदि आप मुझसे पूछें, तो उन्होंने दिल्ली में पंजाबियों के साथ इस बेशर्म और शर्मनाक भेदभाव में कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है, जहां वे शासन करते हैं. यह सांप्रदायिक पक्षपात नहीं तो और क्या है?

Q. आप अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी और पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के बारे में क्या कहेंगे?

मैं बीजेपी पर टिप्पणी नहीं करना नहीं चाहता. जहां तक अमरिंदर सिंह की बात है तो वे इस्तेमाल की जा चुकी एक गोली हैं जिनकी मौजूदगी का चुनावी मैदान में कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

Q. दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में आपका क्या कहना है?

दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं युवाओं के लिए रोजगार, पंजाब की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कृषि में अधिक सरकारी निवेश करना और गरीबों और दलितों की मदद के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का दायरा बढ़ाना. देखिए कैसे कांग्रेस और आप दोनों अकाली सरकार द्वारा लागू की गई सामाजिक कल्याण योजनाओं जैसे शगुन योजना, वृद्धावस्था और अन्य पेंशन, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, आटा-दाल योजना (जिसे बाद में डॉ मनमोहन सिंह द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में सराहा और अपनाया गया था) को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. नवजोत सिद्धू जरूरतमंदों को इस मदद को “सोप और लॉलीपॉप” के रूप में खारिज करना चाहते हैं, जबकि आप उन्हें “मुफ्त” कहते हैं. इस तरह उन्होंने गरीबों को हमने जो मदद दी है, उसे कम करने की कोशिश की है.

Q. पंजाब के लिए कोई और प्राथमिकता?

हां, इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे फोर-लेन और सिक्स-लेन रोड नेटवर्क जो हमने पंजाबियों को दिया. इसे और आगे ले जाने की जरूरत है. हर कोई देख सकता है कि कैसे हमने इन विश्व स्तरीय एक्सप्रेसवे के माध्यम से और शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़ कम करके, विश्व स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ पंजाब का आधुनिकीकरण किया है. हमने सभी कस्बों और शहरों में जलापूर्ति और सीवरेज पर भी फोकस किया.

हमने राज्य को अंधेरे से बाहर निकाला और पंजाब को एक पावर-सरप्लस राज्य में बदल दिया. हमने मोहाली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से इसे ग्लोबली कनेक्ट किया. आपको याद होगा कि अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा भी पंजाब के लिए हमारा योगदान था जहां एनआरआई महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

हमारे विरोधियों के पास यह समझने की दृष्टि नहीं है कि सड़क और हवाई मार्ग से पंजाब की कनेक्टिविटी इस राज्य के आर्थिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. अब, उन्होंने राज्य को इतना पीछे धकेल दिया है कि सर्दियों में भी बिजली कटौती होती है. हम यह सब फिर से बदलेंगे और पंजाब को इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों में एक बार फिर नंबर वन राज्य बनाएंगे. यह आर्थिक विकास और सुधार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

Q. आपने किसानों के लिए मुफ्त बिजली की शुरुआत की और इसके लिए आपके विरोधियों और यहां तक कि विशेषज्ञों द्वारा आपकी भारी आलोचना की जाती है.

यहीं वे गलत जा रहे हैं. वे कृषि क्षेत्र को मुफ्त बिजली देना वोटरों को लुभाने के तौर पर देखते हैं. जबकि जिस राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है उस राज्य के आर्थिक विकास के लिए ये महत्वपूर्ण कदम है. किसानों को मुफ्त बिजली एक निवेश है, उसे इस तरह नहीं देखा जाना चाहिए कि वो उन्हें मुफ्त में दी जा रही है. पंजाब की अर्थव्यवस्था बढ़ाने में अपना अहम योगदान देने वाले किसानों को राज्य सरकार और क्या दे सकती है?

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Pooja Pandey

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