आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि इस लहर में यह देखा गया है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ली थी. उनको कोरोना होने के बाद ऑक्सीजन की जरूरत कम हुई है. अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों में से 36.10 फीसदी को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी. यह लोग दोनों डोज ले चुके थे.

देश में कोरोना की तीसरी लहर अभी जारी है. यह लहर दूसरी की तुलना में काफी कम घातक साबित हुई है. इस बार मौतें और हॉस्पिटालाइजेशन भी काफी कम रहा है. देश के अस्पतालों में हुई मौतें और उनके कारणों को जानने के लिए 37 अस्पतालों में भर्ती हुए कोरोना मरीजों पर एक अध्ययन किया गया है. जिसके आंकड़े भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की ओर से जारी किए गए हैं. इसके अनुसार वैक्सीन ना लगवाने वाले 22 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है.
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से ही तीसरी लहर आई है. मरीजों पर किए गए अध्ययन में पता चला है कि वैक्सीन लगवा चुके जो अस्पताल में भर्ती हुए थे. उनमें से 10.20 फीसदी की मौत हुई थी. इनमें 91 प्रतिशत लोगों को कोरोना होने से पहले कोई ना कोई गंभीर बीमारी थी. वहीं, जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया था उनमें अस्पताल में मौत की दर 21.80 प्रतिशत है. डॉ. भार्गव के मुताबिक, कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का असर कम उम्र के लोगों पर देखने को मिला है. अध्ययन में यह भी पता चला है कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में से 66.1 फीसदी को पहले से कोई बीमारी थी, लेकिन ओमिक्रॉन के मरीजों में 45.80 फीसदी को ही पुरानी बीमारी थी. डेल्टा की वजह से बुखार और कफ सबसे आम लक्षण थे, लेकिन ओमिक्रॉन में गले में खराश, जैसे लक्षण सबसे अधिक देखने को मिला था.
वैक्सीन लेने वालों को ऑक्सीजन की जरूरत कम पड़ी
डॉ. भार्गव ने कहा कि इस लहर में यह देखा गया है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ली थी. उनको कोरोना होने के बाद ऑक्सीजन की जरूरत कम हुई है. अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों में से 36.10 फीसदी को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी. यह लोग दोनों डोज ले चुके थे. जबकि जिन्होंने पूर्ण टीकाकरण नहीं कराया था उनमें से 45.50 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत पड़ी. टीका लगवा चुके मरीजों में से 5.4 फीसदी को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी थी. जबकि टीकाकरण ना कराने वालों में से 11.20 फीसदी मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहे थे.
केरल में बढ़ता संक्रमण चिंता का कारण
आईसीएमआर का कहना है कि देश के कई राज्यों में अब कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है. पॉजिटिविटी रेट में लगातार कम हो रहा है, लेकिन केरल में बढ़ते मामले चिंता का कारण बने हुए हैं.