उत्तर प्रदेश की विधानसभा सीट पर सपा और बीजेपी के बीच रोचक जंग होती रही है. सपा के राधेश्याम जायसवाल इस सीट पर 1996 से 2012 तक विधायक थे, लेकिन 2017 में बीजेपी के राकेश राठौर ने जीत दर्ज कर उनका सियासी सफर रोक दिया. 2022 में एक बार फिर दोनों आमने-सामने हैं.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का आयोजन इस बार 7 चरणों में होना है. जिसके लिए 3 चरणों की नामांकन प्रक्रिया अभी तक पूरी हो गई है. तीसरे चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है. उसमें से एक सीतापुर विधानसभा सीट भी है. यह विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की सबसे पुरानी विधानसभा सीटों में शामिल है. 1991 तक यह यह सीट सीतापुर ईस्ट के नाम से जाना जाता था, लेकिन 1991 के बाद इससे सीतापुर विधानसभा कहा जाने लगा. इस सीट का राजनीतिक इतिहास बेहद ही दिलचस्प रहा है, जिसमें सपा और बीजेपी के बीच चुनावी जंग होती रही है.
2017 में बीजेपी ने 21 साल बाद खिलाया था कमल
सीतापुर विधानसभा सीट पर कभी बीजेपी का कब्जा हुआ करता था, लेकिन 1996 में सपा ने इस सीट पर बीजेपी के वर्चस्व तोड़ा. इस चुनाव में सपा के राधेश्याम जायसवाल ने बीजेपी के राजेंद्र गुप्ता को हराया. इसके बाद सपा के राधेश्याम जायसवाल ने इस सीट से 2002, 2007 और 2012 के चुनाव में जीत दर्ज की. इन सभी चुनावों सपा का मुकाबला तकरीबन बीजेपी से हुआ, लेकिन 2017 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने सपा का वर्चस्व तोड़ दिया. बीजेपी के राकेश राठौर ने सपा के राधेश्याम जायसवाल को तकरीबन 25 हजार वोटों के अंतर से मात दी और 21 साल का सूखा खत्म कर इस सीट पर कमल खिलाया.
वहीं इस सीट के राजनीतिक इतिहास को देखें तो 1952 में हुए पहले ही चुनाव में इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर हकीम बशीर अहमद ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज करके विधायक बने. 1957 में यहां से फिर कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की. 1962 में पहली बार इस विधानसभा सीट पर जनसंघ के उम्मीदवार शारदानंद ने जीत हासिल की और जनसंघ को पहली जीत दिलाई. 1967 में भी जनसंघ के प्रत्याशी की ही जीत हुई. 1969 में इस सीट से चिकित्सक रहे श्याम किशोर ने जीत दर्ज की. 1977, 1980, 1985, 1989 1991, 1993 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र गुप्ता ने जीत दर्ज की. बीजेपी के गठन के बाद राजेंद्र गुप्ता ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और वह बीजेपी सरकार में मंत्री भी रहे.
बीजेपी के राकेश राठौर और सपा के राधेश्याम जायसवाल के बीच एक बार फिर मुकाबला
इस सीट पर 3 चरण के तहत 23 फरवरी को मतदान होना है. जिसमें एक बार फिर सपा और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं. बीजेपी ने अपने विधायक राकेश राठौर पर एक बार फिर भरोसा जताया है और उन्हें टिकट दिया है. जबकि सपा ने अपने पूर्व विधायक राधेश्याम जायसवाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या को देखते हुए बसपा ने खुर्शीद अंसारी और कांग्रेस ने शमीना शफीक को मैदान में उतारा है.