कन्हैया कुमार पर कांग्रेस कार्यालय के अंदर स्याही फेंकने का मामला सामने आया है. जिसके बाद कांग्रेस कार्यालय में जमकर मारपीट हुई.

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार पर लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के अंदर स्याही फेंकने का मामला सामने आया है. जिसके बाद कांग्रेस कार्यालय में जमकर मारपीट हुई. कांग्रेस नेता मंगलवार को लखनऊ सेंट्रल की प्रत्याशी सदफ जफर के प्रचार में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ पहुंचे थे. इसी दौरान उन पर स्याही फेंकी गई. इससे पहले उन्होंने लखनऊ की गलियों में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे.
जिला लखनऊ में विधानसभा की 9 सीटें हैं, लेकिन फिलवक्त की चर्चा लखनऊ सेंट्रल विधानसभा सीट पर केंद्रित हैं. असल में लखनऊ सेंट्रल विधानसभा सीट में बीजेपी का दबदबा रहा है और बीजेपी ने इस सीट पर रिकॉर्ड 7 बार कमल खिलाया है. 2017 के चुनाव में इस सीट से योगी सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक मैदान में थे. जिन्होंने तत्कालीन सपा के विधायक रविदास मेहरोत्रा को 5 हजार से अधिक वोटों के अंतर से चुनावी शिकस्त दी थी. अब 2022 के चुनाव का शंखनाद हो गया है. जिसके तहत इस सीट पर 23 फरवरी को मतदान है, तो सबकी नजर इस सीट पर एक बार लग गई है.
2017 में लखनऊ पश्चिम विधानसभा सीट गई भाजपा के पाले में
2017 के चुनाव में मोदी लहर में भाजपा ने प्रचण्ड बहुमत हासिल किया था. लखनऊ पश्चिम विधानसभा में भी भाजपा के सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने सपा के मोहम्मद रेहान को 13072 वोट से हराया था. इस विधानसभा क्षेत्र में राजधानी लखनऊ के कई प्रमुख इलाके आते हैं. जिसमें ज्यादातर इलाके पुराने लखनऊ के हैं. इस सीट पर ज्यादातर बार भाजपा का कब्जा रहा है. 1989 में पहली बार भाजपा का जनाधार बढ़ा और इस सीट पर काबिज हुई. इस चुनाव में रामकुमार शुक्ला विधायक बने.
2007 तक दारी रहा भाजपा का विजय रथ
वहीं फिर 1991 और 1993 में भी रामकुमार शुक्ला ने जीत का परचम लहराया. इसके बाद भी बीजेपी की जीत का सिलसिला नही थमा और 1996, 2002 और 2007 में लगातार तीन बार लाल जी टण्डन ने यहां परचम लहराया. हालांकि 2009 के उपचुनाव में कांग्रेस के एसके शुक्ल ने भाजपा के विजय रथ को रोक दिया और विधायक बने. वहीं 2012 के चुनाव में सपा के मोहम्मद रेहान ने भाजपा सुरेश कुमार श्रीवास्तव को 7812 वोट हराया था.