एनआरआई बहन सुमन तूर के आरोपों के बाद पारिवारिक विवाद में घिरे नवजोत सिद्धू ने इसे ओछी राजनीति करार दिया है। शनिवार को अमृतसर ईस्ट हलके से अपना नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस घटिया राजनीतिक को लोग स्वीकार नहीं करेंगे।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिद्धू ने कहा कि राजनीतिक के लिए मेरी मां को कब्र से निकाल कर ले आई। अब सुमन के आरोपों का प्रतिद्वंद्वियों को जवाब देने के लिए 40 साल पहले गुजर चुकी मां को दोबारा नहीं ला सकते। लोग ऐसी घटिया राजनीति को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सुमन तूर ने शुक्रवार को लगाए थे आरोप
सिद्धू की एनआरआई बहन सुमन तूर ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि सिद्धू ने पिता भगवंत सिद्धू की मौत के बाद मां निर्मल भगवंत और बड़ी बहन को घर से निकाल दिया। फिर मीडिया में बयान देकर झूठ बोला कि उसके माता-पिता न्यायिक तौर पर अलग हुए। सिद्धू उस समय अपनी उम्र 2 साल बता रहे हैं, लेकिन वह सब झूठ है। सुमन ने कहा कि उनकी मां ने अपनी छवि बचाने के लिए दिल्ली के चक्कर काटे और अंत में दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लावारिस की तरह उनकी मौत हुई। सुमन ने कहा था कि सिद्धू ने यह सब प्रॉपर्टी के लिए किया।
पत्नी ने कहा था- सुमन तूर को नहीं जानती
इस बारे में नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने शुक्रवार को कहा था कि वह सुमन तूर को नहीं जानती। नवजोत सिद्धू के पिता के दो विवाह हुए थे। पहले विवाह से उनकी 2 बेटियां थीं, लेकिन मैं उन्हें नहीं जानती।
अमृतसर ईस्ट से भरा नामांकन, विरोधियों पर निशाना
नवजोत सिद्धू ने नामांकन फाइल करने के बाद मीडिया के सामने बिक्रम मजीठिया, सुखबीर बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना बनाया। सिद्धू ने कहा कि अकाली दल अपनी नीतियों के कारण पिछली बार 15 सीटों पर सिमट गई थी और अब ये सीटें भी नहीं आएंगी। पूरा पंजाब जानता है कि अकाली दल ने सिर्फ गुंडागर्दी की है। वह अकाली ही थे, जिन्होंने पहले लड़की को छेड़ा, जब उसके बचाव में एएसआई पिता आगे आया तो उसे गोलियों से मारकर भंगड़ा किया। अकाली दल के सबसे सीनियर प्रकाश सिंह बादल को 90 साल की उम्र में लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा, उन पर जूतियां फेंकी गई और गोबर गाड़ियों पर फेंका गया।
मजीठिया को चैलेंज – दो सीट से क्यों लड़ रहे
सिद्धू ने बिक्रम मजीठिया को चैलेंज किया कि अगर वह इतने ही पाक-साफ हैं तो एक सीट से चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा कि मजीठिया को सिर्फ सुखबीर बादल के रिश्तेदार होने का फायदा मिला। पुराने और टकसाली नेताओं को बिक्रम मजीठिया के लिए साइडलाइन कर दिया गया। बिक्रम ने अमृतसर में सिर्फ नशा बिकवाया और गुंडागर्दी की। ऐसे को लोग कभी स्वीकार नहीं करेंगे। मजीठिया जीत को लेकर इतना ही पक्का है तो मजीठा छोड़कर अमृतसर ईस्ट सीट से आकर चुनाव लड़े।