यह पूछे जाने पर कि उनका नाम लिस्ट में नहीं है इस पर आरसीपी सिंह ने तंज कसते हुए कहा, जिन 15 लोगों को स्टार प्रचारक बनाया गया है, उनमें से आप कितने लोगों से परिचित हैं.

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. लेकिन इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू के बीच गठबंधन नहीं हो सका है, जो बिहार में सरकार में साथ-साथ हैं, जिसके बाद दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ रही हैं. जेडीयू की ओर से 19 सीटों पर उम्मीदवारों को भी उतारा जा चुका है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह दोनों दलों के बीच गठबंधन न होने के लिए केंद्रीय मंत्री और अपनी ही पार्टी के नेता आरसीपी सिंह को जिम्मेदार बताते रहे हैं. अपने ऊपर लग रहे आरोपों को लेकर आरसीपी सिंह ने सफाई दी.
आरसीपी सिंह ने कहा बिहार की जनता ने 2025 तक उन्हें काम करने का मौका दिया है. एनडीए बिहार में काम कर रही है, जनता ने इसी लिए उन्हें चुना है. इसमें किसी को दाएं-बाएं करने की क्या जरूरत है. लोग मनोरंजन करते हैं उन्हें करने दीजिए. उन्होंने आगे कहा कि हमारे शुभचिंतकों और समर्थकों को क्या संदेश जाएगा. मुझे जो काम दिया जाता है वो ईमानदारी से करता हूं.
जेडीयू ने नहीं बनाया स्टार प्रचारक
यूपी विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने शुक्रवार को स्टार प्रचारकों की सूची जारी की. लेकिन इस लिस्ट में पार्टी के बड़े चेहरे नहीं हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं है. इसके साथ ही केंद्र में जेडीयू के कोटे से केंद्रीय मंत्री बने आरसीपी सिंह को भी इस लिस्ट में जगह नहीं मिली है.
यह पूछे जाने पर कि उनका नाम लिस्ट में नहीं है इस पर आरसीपी सिंह ने तंज कसते हुए कहा, जिन 15 लोगों को स्टार प्रचारक बनाया गया है, उनमें से आप कितने लोगों से परिचित हैं. जीवन लंबा है, यह सब चलता रहता है. बता दें कि शुक्रवार को जारी लिस्ट में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, केसी त्यागी, उपेंद्र कुशवाहा, रामनाथ ठाकुर, उमेश कुशवाहा, मौलाना गुलाम रसूल बलियावी, हर्षवर्धन सिंह, रविंद्र प्रताप सिंह, अनूप सिंह पटेल, आरपी चौधरी, सुरेंद्र त्यागी, संजय कुमार, भरत पटेल, संजय धनगर और केके त्रिपाठी का नाम शामिल है.
उम्मीदवारों का किया ऐलान
जेडीयू ने बुधवार को 20 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है. हालांकि बुधवार को ही पार्टी ने बैरिया से उम्मीदवार रमेश चंद उपाध्याय का टिकट काट दिया. जेडीयू ने जिन 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे उनमें से ज्यादातर पूर्वांचल की थी, जहां जेडीयू कुछ हद तक अपना प्रभाव डाल सकती है.