उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अयोध्या से लेकर मथुरा सीट को लेकर जारी अटकलों के बीच बीते दिनों ही भाजपा ने स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, अयोध्या से चुनाव लड़ने के सवाल पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया आई है. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार किया है कि उनके पास अयोध्या की सीट से भी चुनाव लड़ने का ऑफर था.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अयोध्या से लेकर मथुरा सीट को लेकर जारी अटकलों के बीच बीते दिनों ही भाजपा ने स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, अयोध्या से चुनाव लड़ने के सवाल पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया आई है. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार किया है कि उनके पास अयोध्या की सीट से भी चुनाव लड़ने का ऑफर था.
एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में मुख्यमंत्री अयोध्या से लड़ने के सवाल पर कहा, ‘मेरे सामने ऑफर थे अनेक जगहों से. पश्चिम से अनेक सीटों से था, अयोध्या से भी था. अयोध्या में हमारा धाम है, हमारी आस्था है अयोध्या से. अयोध्या आंदोलन से मेरी तीन पीढ़ियां जुड़ी रही हैं. मेरे पूर्वज जुड़े रहे हैं. अयोध्या आंदोलन की शुरुआत गोरखपीठ से शुरू होती है और अयोध्या मैं राजनीतिक कारणों से नहीं जाता हूं. आस्था के साथ जाता हूं, श्रद्धालुओं की समस्या का समाधान करने जाता हूं. पर्यटन सुविधाओं का विकास करके रोजगार की दृष्टि से अयोध्या जाता हूं.
दरअसल, जब तक योगी आदित्यनाथ की सीट का ऐलान नहीं हुआ था, तब तक यह चर्चा जोरों पर थी कि योगी आदित्यनाथ अयोध्या या मथुरा की सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. मगर भाजपा ने फैसला किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. इस सीट पर अभी केवल आजाद समाज पार्टी ने ही कैंडिडेट का ऐलान किया है. यहां से खुद भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देंगे. सीएम योगी और चंद्रशेखर के अलावा अभी तक किसी प्रमुख दल ने गोरखपुर में अपने उम्मीदवार की घोषणा अधिकृत तौर पर नहीं की है.
बता दें कि गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में करीब साढ़े चार लाख मतदाता हैं और राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यहां 60 से 70 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं. इसके अलावा दूसरे नंबर पर 55 से 60 हजार कायस्थ, लगभग 50 हजार वैश्य, लगभग 40 हजार मुसलमान, 25 से 30 हजार क्षत्रिय, 50 हजार अनुसूचित जाति और पिछड़ी जातियों में सैंथवार, चौहान (नोनिया), यादव आदि मिलाकर 75 हजार से अधिक मतदाता हैं. शहरी क्षेत्र में बंगाली, पंजाबी, ईसाई और सिंधी समाज के लोग भी निवास करते हैं और अलग-अलग मोहल्लों में इनकी बसावट है.
गौरतलब है कि गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में 2017 में भाजपा के राधा मोहन दास अग्रवाल ने एक लाख 22 हजार से अधिक मत पाकर चौथी बार लगातार चुनाव जीता था जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के गठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार राणा राहुल सिंह को लगभग 61 हजार वोट मिले थे. बसपा उम्मीदवार जनार्दन चौधरी 24,297 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.