#इलेक्शन की खबरें उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव 2022

यूपी चुनावों में ऐसे बिगड़ता गया कांग्रेस का बुरा हाल 1985 में थे 269 विधायक, आज हैं सिर्फ 3 विधायक!!

कांग्रेस पार्टी ने 40% टिकट महिलाओं को देने का वादा किया है। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल सत्ता तक पहुंचने के लिए अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कभी एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस पार्टी का ग्राफ धीरे-धीरे लगातार गिरता चला गया। वर्तमान में स्थिति ऐसी है कि कांग्रेस पार्टी दहाई का आंकड़ा ही पार कर ले तो उसके लिए बड़ी बात होगी। उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत थे और वो कांग्रेस से आते थे। वहीं उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी थे जिनका कार्यकाल 5 दिसंबर 1989 को समाप्त हुआ था। उत्तर प्रदेश में अब तक 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और 21 मुख्यमंत्रियों ने प्रदेश की बागडोर संभाली है।

लगातार गिरता गया कांग्रेस का ग्राफ: 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आखिरी बार जीत दर्ज की थी। उसके बाद से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कभी विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी। 1985 विधानसभा चुनाव के बाद ही कांग्रेस की प्रदेश में लगातार सीटें भी कम होती रही। चुनाव दर चुनाव कांग्रेस का ग्राफ गिरता रहा। सीट और वोट शेयर दोनों के मामले में कांग्रेस कमजोर होती गई। 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 269 सीटें प्राप्त हुई थी और कांग्रेस का वोट शेयर 39.25% था। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और ये उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की आखिरी जीत थी।

1989 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 94 सीटें प्राप्त हुई जबकि वोट शेयर गिरकर 27.9% पर पहुंच गया। 1989 में प्रदेश में गैर कांग्रेसी सरकार बनी और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने। 1991 के चुनाव में कांग्रेस 46 सीटों पर सिमट गई और वोट शेयर 17.32% पर आ गया। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने।

1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 28 सीटों पर सिमट गई और वोट शेयर गिरकर 15% पर पहुंच गया। प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और मुलायम सिंह दोबारा मुख्यमंत्री बने। 1996 में कांग्रेस ने बीएसपी के साथ गठबंधन किया और 126 सीटों पर चुनाव लड़ा। कांग्रेस को चुनाव में 33 सीटें मिली और 8.35% वोट प्राप्त हुआ। प्रदेश में बीएसपी की सरकार बनी और मायावती दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी।

2002 में चौदहवीं विधानसभा का चुनाव हुआ और कांग्रेस को 25 सीटें प्राप्त हुई, जबकि वोट शेयर 8.96% ही रहा। प्रदेश में बीएसपी की सरकार बनी लेकिन यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पाई और सरकार गिर गई। फिर मुलायम सिंह ने जोड़-तोड़ से सपा की सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने। 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 22 सीटें मिली जबकि वोट शेयर 8.35% रहा। वहीं 2012 के चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़कर 11.60% हो गया और सीटें 22 से बढ़कर 28 हो गई। 1993 के बाद 2012 में कांग्रेस का वोट शेयर 10% के पार गया था।

कांग्रेस-सपा गठबन्धन: 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर 114 सीटों पर लड़ी। कांग्रेस इस चुनाव में अपने सबसे निचले स्थान पर पहुंच गई। कांग्रेस को महज 7 सीटें मिली और वोट शेयर भी 6.25% पर आ गया। ये कांग्रेस का आजादी के बाद यूपी में सबसे बुरा प्रदर्शन था। 2022 विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के पास सिर्फ तीन विधायक हैं। जिसमें एक उनके प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू हैं। दूसरी विधायक प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा ‘मोना’ है। जबकि तीसरे विधायक कानपुर कैंट से सोहेल अख्तर अंसारी हैं। कांग्रेस पार्टी के अन्य चार विधायकों ने दूसरी पार्टियों का दामन थाम लिया था।

मजबूत नेताओं ने थामा दूसरी पार्टियों का दामन: कांग्रेस की स्थिति प्रदेश में यह है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता भी पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इसी कारण कांग्रेस के कई दिग्गज और बड़े नेताओं ने दूसरी पार्टियों का दामन थाम लिया। सहारनपुर से कांग्रेस के नेता रहे और प्रियंका गांधी के करीबी रहे इमरान मसूद ने हाल ही में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की और सपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। जबकि कुशीनगर से कांग्रेस के दिग्गज नेता आरपीएन सिंह ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया।

फतेहपुर से कांग्रेस के पूर्व सांसद राकेश सचान ने भी हाल ही में बीजेपी ज्वाइन कर लिए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पंकज मलिक और उनके पिता हरेंद्र मलिक ने भी पार्टी छोड़ का साथ छोड़ दिया। कांग्रेस की प्रदेश में हालत यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता स्वर्गीय कमलापति त्रिपाठी के पोते और प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी ने कांग्रेस छोड़ टीएमसी के साथ हो चले।

2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यूपी में अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। कांग्रेस ने आने वाले चुनाव के लिए वादे तो कई किए हैं लेकिन यह वादे जनता को कितना लुभा पाएंगे यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व कर रही हैं और उन्होंने 40% टिकट महिलाओं को देने का वादा भी किया है। अब महिलाएं कांग्रेस के साथ कितना जुड़ेंगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

लोकसभा में यूपी से महज एक सांसद: कांग्रेस उत्तर प्रदेश में इतनी कमजोर हो गई कि लोकसभा में कांग्रेस के पास उत्तर प्रदेश से महज एक सांसद है, वह भी उनकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से हार गए थे। यह कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा झटका था। 2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। उस समय भी कांग्रेस को महज 2 सीटें प्राप्त हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से जीती थीं जबकि राहुल गांधी अमेठी से जीते थे।

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.