अमेरिका की कड़ी आपत्तियों और जो बाइडन प्रशासन की ओर से प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद भारत ने मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के अपने फैसले में कोई बदलाव करने से मना कर किया है.

अमेरिका ने कहा है कि रूस का भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली बेचना क्षेत्र में और संभवत: उससे बाहर अस्थिरता पैदा करने में मॉस्को की भूमिका को प्रदर्शित करता है. अमेरिका भारत द्वारा रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदे जाने पर कई बार चिंता व्यक्त कर चुका है. भारत ने जोर देकर कहा है कि उसके फैसले उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित पर आधारित हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने गुरुवार को अपने डेली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘एस-400 प्रणाली को लेकर जो हमारी चिंताएं है, उनमें कोई बदलाव नहीं आया है.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह क्षेत्र में और संभावित रूप से उससे बाहर अस्थिरता पैदा करने में रूस की भूमिका को उजागर करता है.’ प्राइस से रूसी एस-400 प्रणाली को लेकर अमेरिका-भारत संबंध पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने यह बात कही. अमेरिका की ओर से यह टिप्पणी ऐसे समय में की गई है, जब यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं.
अमेरिका की कड़ी आपत्तियों और जो बाइडन प्रशासन की ओर से प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद भारत ने मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के अपने फैसले में कोई बदलाव करने से मना कर किया है. प्राइस ने कहा, ‘चाहे भारत हो या कोई और देश, हम सभी देशों से आग्रह करते हैं कि वे रूस के साथ हथियार प्रणाली को लेकर कोई नया लेन-देन करने से बचें.’
शक्तिशाली रडार से लैस है एस-400
एस-400 सिस्टम की बात करें, तो इसमें शक्तिशाली रडार लगा हुआ है, जिसे हम डिफेंस सिस्टम का दिल कह सकते हैं. यह विभिन्न दिशाओं में कई लक्ष्यों का पता लगा सकता है और दुश्मन के लड़ाकू विमान, बमवर्षक या मिसाइल को हमले से पहले ही बेअसर कर सकता है. यह अलग-अलग रेंज वाली मिसाइलों का उपयोग करके दुश्मन के लिए खतरा पैदा कर सकता है. यह इतना उन्नत है कि इससे वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हवाई अड्डों से उड़ान भरते चीनी लड़ाकू विमानों को ट्रैक करना आसान है. जिससे भारत किसी भी खतरे से वक्त रहते निपट सकता है.